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INX Media Case: CBI फिर पहुंची पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के घर, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी

INX Media Case CBI और ED दोनों जांच एजेंसियां गिरफ्तार करने के लिए चिदंबरम की तलाश कर रही हैं। जांच एजेंसी बुधवार सुबह दिल्ली स्थित उनके घर पर पहुंची है लेकिन चिदंबरम नहीं मिले।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 07:00 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 02:29 PM (IST)
INX Media Case: CBI फिर पहुंची पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के घर, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
INX Media Case: CBI फिर पहुंची पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के घर, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्लीINX Media Case: दिल्ली हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने और सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने के बाद पूर्व केंद्रीय वित्त एवं गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम पर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है। सीबीआइ और ईडी दोनों जांच एजेंसियां गिरफ्तार करने के लिए उनकी तलाश कर रही हैं। मंगलवार को उनके घर पर पहुंची टीम उन्‍हें गिरफ्तार नहीं कर सकी वहीं बुधवार सुबह-सुबह उनके घर पर सीबीआइ की टीम पहुंच चुकी है।

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जांच एजेंसी मंगलवार शाम दिल्ली स्थित उनके घर पर पहुंची, लेकिन चिदंबरम नहीं मिले। जांच एजेंसियों की कोशिश देर रात या बुधवार सुबह तक उन्हें गिरफ्तार करने की होगी, ताकि सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुनवाई के औचित्य को आधारहीन बनाया जा सके। देर रात उनके घर पहुंच कर सीबीआइ टीम ने नोटिस चिपकाया और दो घंटे में उपस्थित होने का निर्देश दिया। 

मंगलवार को चिदंबरम ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम से राहत पाने की कोशिश की थी, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और मामले की सुनवाई बुधवार तक के लिए टल गई। वहीं चिदंबरम के वकील एएस खुराना ने बताया कि सीबीआइ द्वारा घर के बाहर नोटिस लगाया गया है। उन्‍होंने कहा कि कानून के दायरे में रहते हुए हम अग्रिम जमानत के लिए प्रयासरत हैं। हम कानून के हिसाब से ही काम कर रहे हैं।

हाई कोर्ट ने की ये टिप्पणी
हाई कोर्ट के जज सुनील गौर ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करते हुए अपने फैसले में कहा कि केस के सबूतों से प्रथम दृष्ट्या पता चलता है कि याचिकाकर्ता चिदंबरम किंगपिन (मुख्य षड्यंत्रकारी) हैं। तथ्यों पर विचार के बाद मैं, याचिकाकर्ता को गिरफ्तारी से पूर्व जमानत नहीं देने के फैसले के लिए प्रेरित हुआ। यह मनी लांड्रिंग का क्लासिक केस है।

असरदार जांच के लिए चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करना बेहद जरूरी है। यदि ऐसे केस में आरोपित को जमानत दी जाती है तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। चिंदबरम के वकील कपिल सिब्बल ने बताया कि बुधवार सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने के लिए केस की मेंशनिंग की जाएगी।

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सीबीआइ और ईडी के पुख्ता सुबूतों के आधार पर खारिज हुई अग्रिम जमानत
आइएनएक्स मीडिया को एफआइपीबी क्लीयरेंस देने के एवज में रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआइ और ईडी दोनों पी. चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहते थे। लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने निचली अदालत से अग्रिम जमानत ले ली थी। लेकिन इंद्राणी मुखर्जी के सरकारी गवाह बनने के बाद पुख्ता सुबूतों से लैस पूछताछ पर अड़ीं जांच एजेंसियों ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी। हाई कोर्ट ने न सिर्फ चिदंबरम की अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया बल्कि सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए तीन दिन की मोहलत देने की मांग भी ठुकरा दी। चिदंबरम ने आसन्न गिरफ्तारी की आशंका से बचने की कोशिश जरूर की, लेकिन मंगलवार को उन्हें राहत नहीं मिल सकी।

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जमानत खारिज होते ही चिदंबरम के घर पहुंची जांच एजेंसियां
हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों जगहों से चिदंबरम को राहत नहीं मिलने के बाद लंबे समय से इंतजार कर रही सीबीआइ और ईडी दोनों एजेंसियां हरकत में आ गईं। सबसे पहले सीबीआइ टीम चिदंबरम को ढूंढते हुए उनके जोरबाग स्थित घर पर पहुंची, लेकिन वहां उन्हें नहीं पाकर वापस चली गईं। इसके कुछ देर बाद ही ईडी की टीम भी वहां पहुंच गई और बैरंग वापस लौट गई।

चिदंबरम का मोबाइल फोन बंद, संभावित ठिकानों की पड़ताल में जुटे अधिकारी
बताते हैं कि इस बीच चिदंबरम का मोबाइल फोन भी बंद हो गया है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ और ईडी के अधिकारी चिदंबरम के दिल्ली में संभावित ठिकानों की पड़ताल में जुटे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनकी कोशिश सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने के पहले चिदंबरम को गिरफ्तार करने की होगी ताकि उन्हें गिरफ्तार कर निचली अदालत में पेश किया जा सके और पुलिस हिरासत में लिया जा सके।

जाने- आगे क्या हो सकता है
एक बार पुलिस हिरासत में आने के बाद चिदंबरम के लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलना आसान नहीं होगा। अभी चिदंबरम अग्रिम जमानत खारिज किए जाने के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। गिरफ्तारी के बाद उन्हें सीधे जमानत की अर्जी लगानी होगी, इसके लिए उन्हें नए सिरे से निचली अदालत का दरवाजा खटखटाना होगा। जाहिर है जमानत मिलने तक का समय चिदंबरम को जेल में बिताना पड़ सकता है।

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पी चिंदबरम पर क्या हैं आरोप ?
दरअसल मनमोहन सरकार में वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम ने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) ने दो उपक्रमों को मंजूरी दी थी। आइएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई एफआइपीबी मंजूरी में अनियमितताएं हुई। इसके बाद ईडी ने पिछले साल इस संबंध में मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

क्या है INX मीडिया केस ?
आइएनएक्स मीडिया केस साल 2007 में आइएनएक्स मीडिया को मिले पैसों के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) से मंजूरी मिलने से जुड़ा हुआ है। 305 करोड़ रुपये के इस हाई प्रोफाइल घोटाले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का भी नाम शामिल है। सीबीआई और ईडी केस में जांच कर रही है कि कैसे पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से आईएनएक्स मीडिया के लिए मंजूरी मिल गई थी, जबकि उस वक्त वित्त मंत्री खुद उनके पिता पी. चिदंबरम थे।

सीबीआई और ईडी की जांच में ये पता चला कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाने के लिए आईएनएक्स मीडिया के निदेशक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी ने पी. चिदंबरम से मुलाकात की थी, जिससे विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी में कोई देरी ना हो।
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