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Court Summons: राजस्थान में बाड़मेर सांसद तक कोर्ट का समन पहुंचने में लग गए महीनों

Barmer MP Barmer MP Kailash Chaudhary. राजस्थान के बाड़मेर से सांसद और केंद्र में मंत्री कैलाश चौधरी तक हाई कोर्ट का समन पहुंचने में महीनों का समय लग गया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 12:27 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 12:27 PM (IST)
Court Summons: राजस्थान में बाड़मेर सांसद तक कोर्ट का समन पहुंचने में लग गए महीनों
Court Summons: राजस्थान में बाड़मेर सांसद तक कोर्ट का समन पहुंचने में लग गए महीनों

जयपुर, आइएएनएस।  Barmer MP, Barmer MP Kailash Chaudhary. आज के डिजिटल युग में जब सूचनाएं सेकेंड के हिस्से में भी एक से दूसरी जगह पहुंच जाती है, यह बात अजीब लग सकती है कि राजस्थान के बाड़मेर से सांसद और केंद्र में मंत्री कैलाश चौधरी तक हाई कोर्ट का समन (नोटिस) पहुंचने में महीनों का समय लग गया।

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लोकसभा चुनाव में पूर्व आईपीएस पंकज चौधरी का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था। चुनाव के बाद पंकज चौधरी ने इस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की, उसमें बाड़मेर सांसद कैलाश चौधरी को पक्षकार बनाया गया था। चौधरी तक नोटिस पहुंचने में ही कई महीनों का वक्त लग गया। याचिकाकर्ता पंकज चौधरी ने इस वर्ष छह जुलाई को निर्वाचन आयोग के खिलाफ एक केस दायर किया था। इसमें बसपा प्रत्याशी के रूप में उनका नामांकन खारिज करने के निर्णय को चुनौती दी गई थी। दरअसल, निर्वाचन आयोग ने पंकज चौधरी का नामांकन इस आधार पर खारिज किया था कि सरकार ने उन्हें पुलिस सेवा समााि का प्रमाण पत्र नहीं दिया था।

पंकज चौधरी ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रमाण पत्र जारी करने में जानबूझकर देरी की गई ताकि वे यह चुनाव नहीं लड़ सकें। उनका कहना है कि बसपा ने बाड़मेर सीट से उन्हें प्रत्याशी बनाया था जहां से कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह और भाजपा से कैलाश चौधरी प्रत्याशी थे। हाई कोर्ट ने उस समय कैलाश चौधरी को प्रथम पक्ष बनाया था और उन्हें नोटिस दिया था। कैलाश चौधरी को पहला नोटिस 26 जुलाई 2019 को भेजा गया था। जो बाड़मेर में बालोतरा वाले उनके पते पर भेजा गया। उनके पिता ने यह नोटिस नहीं लिया और कहा था कि सांसद अब यहां नहीं रहते। कैलाश चौधरी को दूसरा नोटिस उनके दिल्ली वाले पते पर 22 अगस्त 2019 को भेजा गया। इस बार भी नोटिस नहीं लिया गया। उन्हें तीसरा नोटिस पांच अक्टूबर और इसके बाद चौथा नोटिस 14 अक्टूबर को भेजा गया लेकिन नोटिस स्वीकार नहीं किया गया।

नोटिस न पहुंचने की स्थिति में हाई कोर्ट ने एक आदेश में कहा कि पक्षकार नंबर एक (कैलाश चौधरी) को पांच अक्टूबर को भेजा गया नोटिस उन्हें नहीं मिला है। रजिस्ट्रार को निर्देशित किया जाता है कि वे नई दिल्ली के जिला जज से संपर्क कर यह सुनिश्चित करें कि अगली तारीख से पहले प्रथम पक्षकार को नोटिस मिल जाए। याचिकाकर्ता पंकज चौधरी के चुनाव एजेंट सुमेर लाल शर्मा ने बताया कि इस बार सांसद ने नोटिस ले लिया है हालांकि इसके बावजूद उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। इस मामले में निर्वाचन आयोग और राजस्थान निर्वाचन आयोग तथा बाड़मेर के जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर) को भी पक्षकार बनाया गया है। इन तीनों ने अपने जवाब भेज दिए है। अब कोर्ट ने इस मामले में 13 नवंबर को अगली सुनवाई तय की है। उधर, पंकज चौधरी ने इस मामले में हो रही देरी पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि समन मिलने में इतनी देरी कैसे हो सकती है।

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