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राजस्थान में आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब सवर्णों में सरकारी नौकरी और सुविधाओं की उम्मीद बंधी

राजस्थान में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के 10 फीसदी आरक्षण को लेकर दो माह में 1.33 लाख सर्टिफिकेट बन गए। इतनी बड़ी संख्या में सर्टिफिकेट बनना अपने आप में रिकॉर्ड है

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 04:10 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 04:10 PM (IST)
राजस्थान में आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब सवर्णों में सरकारी नौकरी और सुविधाओं की उम्मीद बंधी
राजस्थान में आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब सवर्णों में सरकारी नौकरी और सुविधाओं की उम्मीद बंधी

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों (ईडब्लयूएस) के 10 फीसदी आरक्षण को लेकर दो माह में 1.33 लाख सर्टिफिकेट बन गए। इतनी बड़ी संख्या में सर्टिफिकेट बनना अपने आप में रिकॉर्ड है।राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने 18 अक्टूबर को आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को दिए जाने वाले 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण से संपति संबंधी प्रावधान हटाने को लेकर निर्णय लिया था।

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गहलोत सरकार के इस फैसले से गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरियां सहित अन्य सुविधाओं में लाभ मिलने की उम्मीद बंधी है। इसी का परिणाम है कि मात्र दो माह में इतनी बड़ी संख्या में ईडब्लयूएस के सर्टिफिकेट बने हैं। इसके साथ ही जिला रोजगार कार्यालयों में सवर्ण वर्ग के युवाओं के रजिस्ट्रेशन में भी बढ़ोतरी हुई है। गहलोत सरकार के इस फैसले को सवर्ण वर्ग के युवाओं के लिए गेमचेंजर माना जा रहा है। सरकार ने अब नई भर्तीयों में इस वर्ग के लिए अलग से पदों का प्रावधान करने का निर्णय लिया है।

राजनीतिक और सामाजिक रूप से अहम फैसला

गहलोत सरकार का यह फैसला उनके सालभर के कार्यकाल में राजनीतिक और सामाजिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है। इस फैसले ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को जहां सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने का काम किया है, वहीं दूसरी तरफ इस वर्ग के बीच सीएम की छवि को मजबूत किया है। राजस्थान में इस फैसले के बाद अब ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए केवल 8 लाख रुपए से कम आय ही पात्रता का मापदंड है। स्थानीय निकाय चुनाव से पहले लिए गए सीएम अशोक गहलोत के इस फैसले का सीधा असर निकाय चुनाव परिणामों में देखने को मिला है। कांग्रेस को स्थानीय निकाय चुनाव में काफी फायदा मिला।

शहरी और सवर्ण वर्ग के मतदाताओं में पकड़ रखने वाली भाजपा के बजाय कांग्रेस को स्थानीय निकाय चुनाव में कुल 49 निकायों में से 35 में कांग्रेस,13 में भाजपा और 1 में निर्दलीय ने जीत हासिल की। उल्लेखनीय है कि पहले ईडब्लयूएस आरक्षण में संपत्ति का प्रावधान होने से इसके सर्टिफिकेट नहीं बन पा रहे थे। इसके चलते आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के युवाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। यह प्रावधान हटने के बाद अब तेजी से सर्टिफिकेट बन रहे है।

19 अक्टूबर से लेकर अब तक दो माह से भी कम समय में 1.33 लाख से ज्यादा ईडब्लयूएस सर्टिफिकेट जारी हो चुके है। ईडब्ल्यूएस आरक्षण में राजस्थान मॉडल अब पूरे देश में लागू करने की मांग उठने लगी है । सीएम अशोक गहलोत ने अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में ही पीएम नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर ईडब्ल्यूएस आरक्षण में से संपत्ति के प्रावधान को हटाने की मांग कर दी थी । सर्व ब्राहम्ण महासभा के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा,श्री राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखेदव सिंह गोगामेडी और राजपूत क्षत्रिय संघ के प्रमुख भगवान सिंह रोलसाहबसर ने इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र लिखा है। 


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