मंत्री फिरहाद हकीम को केएमसी का प्रशासक बनाने के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगेः विजयवर्गीय
केएमसी का प्रशासक मंत्री फिरहाद हकीम को नियुक्त करने को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री ममता पर फिर हमला बोला है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: बंगाल की ममता सरकार द्वारा पहली बार कोलकाता नगर निगम (केएमसी) का प्रशासक मंत्री फिरहाद हकीम को नियुक्त करने को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह ममता की तुष्टीकरण की नीति है। एक ही व्यक्ति को मंत्री- मेयर और प्रधान सचिव व निगम आयुक्त बना कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। कैलाश ने कहा कि यह तुष्टीकरण की नीति का सबसे बड़ा उदाहरण है जो नगरपालिका और नगर विकास मंत्री हैं, वही कोलकाता का मेयर है, जो नगर निगम के आयुक्त हैं, वही नगरपालिका और नगर विकास का प्रधान सचिव हैं। लेने वाले भी हम हैं और देने वाले भी हम।
ऐसे में नगर निगम में भ्रष्टाचार को कौन रोकेगा? उन्होंने कहा कि ममता जी ने फिरहाद को प्रशासक बनाकर और निगम आयुक्त खलील अहमद को निगम आयुक्त व प्रधान सचिव बना कर नगर निगम में भ्रष्टाचार करने की खुली छूट देने का काम किया है। भ्रष्ट सरकार का इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के इतिहास में पहली बार कोई राजनीतिक व्यक्ति उसका कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रशासक बनाना, सरकार की तुष्टीकरण की नीति का सबसे बड़ा उदाहरण है।
भाजपा इस सबंध में राज्यपाल को ज्ञापन देगी और हाईकोर्ट में इस नियुक्ति को चुनौती देंगे। प्रशासक बनाने की सूचना राज्यपाल को नहीं दिए जाने पर विजयवर्गीय ने कहा कि सरकार का मुखिया राज्यपाल होता है, जिसके नाम से सरकार में सारे कानून बनते हैं। इतना बड़ा निर्णय सरकार ने ली, न सलाह ली गयी और न बताया गया। यह सरकार की अहंकारी प्रवृत्ति का सूचक है।
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प्रशासक नियुक्ति के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका
वहीं फिरहाद हकीम को प्रशासक नियुक्त करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में गुरुवार को याचिका दायर की गई है। याचिका में हकीम को प्रशासक नियुक्त करने की अधिसूचना को चुनौती दी गई है। याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह होने की संभावना है। कोलकाता के अरविंद सरणी निवासी शरत कुमार सिंह ने फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की है।
शरत कुमार सिंह के वकील विकास सिंह ने कहा कि नगरपालिका कानून के अनुसार, कलकत्ता नगर निगम के मामले में प्रशासक नियुक्त करना संभव नहीं है, जबकि अन्य नगर पालिकाओं में प्रशासक नियुक्त किए जा सकते हैं। यह मौजूदा नगरपालिका कानून के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इस स्थिति में राज्य सरकार ने फिरहाद हकीम को प्रशासक बनाने का निर्णय लिया है। राज्य चुनाव आयोग ने इसका समर्थन किया है, जो पूरी तरह से असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि जिस विभाग ने 6 मई को अधिसूचना जारी की है, वह पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है।