52 बरस हुआ हरियाणा, मनोहर बोले- चार साल में 48 साल के बिगड़े सिस्टम को सुधारा
हरियाणा 52 साल का हो गया है। इस दौरान उसने उतार-चढ़ाव के बीच उपलब्धियों के ऊंचे मुकाम को छुआ। सीएम मनोहरलाल का कहना है कि 48 साल के सिस्टम को सुधार हमने नई राह पर कदम बढ़ाया है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटा हरियाणा आज 52 बरस का हो गया है। अपने इस सफर में राज्य ने कई मुकाम तय किए और उपलब्धियों की नई ऊंचाइयों को स्पर्श किया। हरियाणा के बेटे-बेटियों ने आसमान को नापा तो हर क्षेत्र में हरियाणा का नाम पूरी दुनिया में राेशन किया। अपने 53वें बरस में प्रवेश कर रहे हरियाणा ने इन सालों में राजनीति के कई उतार चढ़ाव देखे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के अब तक के सफर को गौरवमयी बताते हैं। मनोहरलाल का कहना है कि राज्य के 48 साल के सिस्टम को अपने चार साल के अब तक के कार्यकाल में सुधार कर उनकी सरकार ने विकास की नई राह की ओर कदम बढ़ाया है।
हरियाणा की सालगिरह और सरकार के पांचवें बरस में प्रवेश पर आत्मविश्वास से लबरेज दिखे मुख्यमंत्री
पांचवें साल में प्रवेश कर रही मनोहर सरकार का भी कार्यकाल उतार चढ़ाव भरा रहा है। बेशक हरियाणा ने पिछले चार साल में तीन बड़े आंदोलन झेले, लेकिन मनोहर लाल अब तक के कार्यकाल से संतुष्ट हैं। उनकी दलील है कि चार साल में 48 सालों की बिगड़ी व्यवस्था को सुधारा गया। जो भी काम हुए, उन्हें एक दिशा तय कर अंजाम दिया गया।
हरियाणा दिवस की सालगिरह पर दैनिक जागरण से बातचीत में मुख्यमंत्री आत्मविश्वास से लबरेज नजर आए। वह समय से पहले भी चुनावी अखाड़े में उतरने का साहस दिखा रहे हैं। उनका मानना है कि भले ही आंकड़ों से विकास का पैमाना तय होता है, मगर विकास के लिए दिशा और सकारात्मक सोच भी जरूरी है। मुख्यमंत्री के नाते उन्होंने 48 साल के पुराने बिगड़े हुए सिस्टम में बदलाव किया है। पिछली सरकारों ने विकास के लिए कभी दिशा तय करने की सोची तक नहीं।
भ्रष्टाचार में कमी को मुख्यमंत्री अपनी सरकार की अब तक की सबसे बड़ी सफलता मानते हैं। वह खुलकर कहते हैं, हमने मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में चढ़ने वाली भेंट पूरी तरह से बंद कर दी। एक पत्रिका के सर्वेक्षण का हवाला देते हुए मुख्यमंत्र कहते हैं कि प्रदेश में 51 फीसद भ्रष्टाचार था। चार साल में 32 फीसद कम हुआ। बाकी बचा 19 फीसद भ्रष्टाचार पांचवें साल के कार्यकाल में खत्म करने का लक्ष्य तय किया गया है।
मुख्यमंत्री राजनीति में शुचिता को भी अपनी बड़ी उपलब्धि मानते हैं। उनके अनुसार 48 सालों में जातिवाद, क्षेत्रवाद, असमान विकास और भाई-भतीजावाद हावी था। हमने चार सालों में जाति से ऊपर उठकर राजनीतिक शुचिता कायम की। हरियाणा एक-हरियाणवी एक की भावना से काम करते हुए प्रदेश को विकास के रास्ते पर लेकर आए।
उन्होंने कहा कि बिजली के दामों में कमी, पारदर्शिता, जीरो टोलरेंस तथा प्रदेश का गौरव हरियाणा की चार बड़ी सफलताएं हैं। अगले साल के एजेंडे से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री कहते हैं कि आर्थिक मजबूती और रोजगार हमारे लिए अहम होंगे, मगर हम ऐसी कोई घोषणा नहीं करेंगे, जो पूरी न हो सके। पिछली सरकारों ने जाते-जाते ऐसी घोषणाएं की, जो पूरी नहीं हो सकती थी। चुनावी साल में हम अपने तमाम वादे पूरे करेंगे।