Move to Jagran APP

आठ दिनों से चल रहा गुर्जर आरक्षण आंदोलन खत्म, बैंसला ने कहा- सभी अवरोधों को हटाया जाए

गुर्जर आरक्षण आंदोलन खत्म: किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा राष्ट्रहित में शनिवार को आंदोलन समाप्त हुआ। मेरा अनुरोध है कि राजस्थान भर में सभी अवरोधों को तत्काल हटा दिया जाए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 12:37 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 12:37 PM (IST)
आठ दिनों से चल रहा गुर्जर आरक्षण आंदोलन खत्म, बैंसला ने कहा- सभी अवरोधों को हटाया जाए
आठ दिनों से चल रहा गुर्जर आरक्षण आंदोलन खत्म, बैंसला ने कहा- सभी अवरोधों को हटाया जाए

जयपुर, एजेंसी। पांच फीसदी आरक्षण का विधेयक विधानसभा में पारित होने के बाद गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि राष्ट्र हित में आज आंदोलन समाप्त हुआ। मेरा अनुरोध है कि राजस्थान भर में सभी अवरोधों को तत्काल हटा दिया जाए। कर्नल बोले आंदोलन स्थगित करने की घोषणा करता हूं, असुविधा के लिए माफी मांगता हूं। 

loksabha election banner

 आखिरकार पिछले आठ दिन से चला आ रहा गुर्जर आरक्षण आंदोलन शनिवार को गुर्जर आरक्षण समिति के संरक्षक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की घोषणा के साथ ही समाप्त हो गया। सरकार और गुर्जर नेताओं में हुए समझौते की ड्राफ्ट कॉपी लेकर मंत्री विश्वेंद्र सिंह शनिवार को सवाईमाधोपुर में धरना स्थल पहुंचे। इसके बाद बैंसला ने कहा, आंदोलन के दौरान हुई असुविधा के लिए मैं सभी से क्षमा चाहता हूं। हमें पांच प्रतिशत आरक्षण मिल गया है। अगर इसमें कानूनी अड़चन आती है तो उसे दूर करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुझे व्यक्तिगत तौर पर दूर करने व सहायता करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि इसमें एक-दो बिंदु रह गए हैं उनका मैँ यहां जिक्र नहीं करूंगा। उस बारे में बात में बात करेंगे।  

गुर्जर सहित पांच जातियों को आरक्षण सम्बंधी विधेयक विधानसभा में पारित किए जाने के बाद भी राजस्थान में गुर्जरों का आंदोलन जारी था। आंदोलन के नौवें दिन पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह द्वारा शनिवार को आंदोलन स्थल पर मसौदे को पढ़ने के बाद किरोड़ी ने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की। गुर्जर आरक्षण बिल के संबंध में जयपुर में समझौता ड्राफ्ट तैयार किया गया। इसे शनिवार सुबह ग्यारह बजे सवाईमाधोपुर भेजा गया। इस मसौदा पत्र को पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने गुर्जर आन्दोलन कर्मियों को सौंपा।  

इसके बाद गुर्जर आरक्षण समिति के पदाधिकारी ने गुर्जर समाज के आन्दोलनकारियों के सामने पढक़र सुनाया। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने मसौदे पर हस्ताक्षर कर दिए। इसके बाद मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने पुलवामा में आतंकी हमले पर शोक व्यक्त किया। इसके बाद मंत्री ने कहा कि इस आन्दोलन से आम जनता और गुर्जर आन्दोलकारी को कष्ट हुआ इसके लिए मैं माफी चाहूंगा। इसके बाद उन्होंने गुर्जर आन्दोलनकारियों को आरक्षण के लिए बधाई दी। बैंसला ने सरकार का धन्यवाद दिया।

इससे पहले शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से फोन पर बात कर आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया। पिछले आठ दिन से चल रहे गुर्जर आंदोलन के कारण जनता परेशान थी। आंदोलन के कारण अब तक 225 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई। शुक्रवार को भी 24 ट्रेनों पर असर पड़ा। दिल्ली-मुंबई जैसे अति व्यस्त मार्ग बाधित होने से रोज लाखों यात्री परेशान हो रहे थे। वहीं राज्य में कई जगहों पर हाईवे भी जाम कर दिए गए थे। इससे न केलव लोगों को परेशानी हो रही थी बल्कि पर्यटन पर भी विपरीत असर पड़ रहा था। गोल्डन ट्राइएंगल में शामिल जयपुर आने पर्यटक राजस्थान नहीं पहुंच पा रहे थे। देसी-विदेशी सैलानियों द्वारा बुकिंग रद्द किए जाने से रेलवे, रोडवेज व राज्य को आर्थिक तौर पर भी नुकसान हो रहा था।   

गहलोत ने बैंसला को आश्वासन दिया कि सरकार आरक्षण की रक्षा के लिए पूरा प्रयास करेगी। सरकार इस बात की कोशिश करेगी कि हमेशा की तरह इस बार फिर आरक्षण का मामला कोर्ट में नहीं अटके। वहीं पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और सहकारिता आयुक्त नीरज के पवन सहित आधा दर्जन अधिकारियों की टीम के साथ कर्नल बैंसला एवं उनके साथियों की करीब सात घंटे तक वार्ता चली। इस दौरान गुर्जर नेता सरकार से लिखित में यह वादा चाहते थे कि उनका पांच प्रतिशत आरक्षण सुरक्षित रहेगा। गुर्जर नेताओं का कहना था कि सरकार पहले यह सुनिश्चित करे कि आरक्षण विधेयक एक बार फिर कानूनी पेचीदगी में नहीं फंसेगा। आंदोलन खत्म करने का पेंच इसी बात पर फंसा हुआ है।

आंदोलन खत्म करने के लिए गुर्जर नेताओं ने प्रदेश सरकार के समक्ष पांच बिंदुओं का प्रस्ताव रखा था। इसमें आरक्षण की कोर्ट में सुनिश्चितता, आंदोलन में समाज के लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को हटाने, देवनारायण बोर्ड का गठन कर इसके माध्यम से गुर्जर बहुल क्षेत्रों में विकास कार्य कराने के साथ ही दो अन्य बिंदु थे।

बातचीत से जुड़े सूत्रों का दावा है कि पांच में से चार बिंदुओं पर दोनो पक्षों में सहमति बन गई लेकिन एक बिंदु सहमति नहीं बन सकी थी। हालांकि इसके बारे में गुर्जर नेताओं और सरकार ने जानकारी देने से इनकार कर दिया था। लंबी बातचीत के बाद भी सहमति नहीं बनने पर मामला शनिवार तक के लिए टाल दिया गया था। मंत्री विश्वेंद्र सिंह और गुर्जर नेता शैलेंद्र सिंह का कहना था कि 99 फीसदी फैसले तक पहुंच गए थे एक प्रतिशत पर मामला अटका था जो आज शनिवार को हल होना था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.