लंगर की रसद पर लगे जीएसटी माफ, वसूली गई राशि लौटाएगी सरकार
केंद्र सरकार ने लंगर के रसद से जीएसटी खत्म कर दिया है। यह पंजाब के लोगाें के लिए बड़ी खुशखबरी है। पंजाब में लंगर के राशन पर जीएसटी बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया था।
जेएनएन, चंडीगढ़ । पंजाब के लाेगों के लिए खास खुशखबरी है। श्री दरबार साहिब समेत तमाम धार्मिक स्थानों पर चल रहे लंगर अब जीएसटी से मुक्त होंगे। केंद्र सरकार ने चौतरफा दबाव के बाद जीएसटी के केंद्रीय हिस्से और आइजीएसटी को इन धार्मिक संस्थानों को वापस करने का फैसला किया है। सांस्कृतिक मंत्रालय के अधीन सेवा भोज योजना को लागू करते हुए यह फैसला किया है। जीएसटी का केंद्र सरकार का हिस्सा और आइजीएसटी को वापस किया जाएगा।
काबिलेगौर है कि पिछले साल 1 जुलाई से जब जीएसटी लागू हुआ था तो सभी धार्मिक संस्थानों पर चलने वाले लंगर भी इसके अधीन आ गए। सबसे ज्यादा आलोचना श्री दरबार साहिब में चल रहे लंगर को लेकर पंजाब में हुई। श्री दरबार साहिब में औसतन एक लाख लोगों के लिए रोजाना लंगर तैयार होता है जिसके लिए खरीदी जाने वाली रसद पर जीएसटी लगने से एसजीपीसी पर यह अतिरिक्त भार पड़ गया।
कैप्टन सरकार ने मार्च महीने में पारित हुए बजट सेशन के दौरान लंगर पर लगाए गए जीएसटी से राज्य का हिस्सा माफ करने का फैसला कर लिया तो केंद्र सरकार पर दबाव और बढ़ गया। इस मुद्दे पर सभी पार्टियां बेशक अपने अपने मंच से लंगर रसद से जीएसटी हटाने की मांग कर रही थीं लेकिन उनका सुर एक ही था।
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल पर जहां विपक्ष ने इस्तीफा देने का दबाव बनाया तो हरसिमरत बादल ने भी केंद्र सरकार पर लंगर रसद से जीएसटी हटाने के लिए दबाव बनाया गया है।
क्या है सेवा भोज योजना
केंद्र सरकार ने साल 2018-19 के लिए सेवा भोज योजना को चलाते हुए इसके अधीन 325 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। धार्मिक स्थानों पर चल रहे लंगर की आइटमस को खरीदने वाली वस्तुओं लगे जीएसटी और आईजीएसटी के केंद्रीय हिस्से को संबंधित धार्मिक संस्थानों को वापस लौटाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बादल ने जीएसटी की राशि को धार्मिक संस्थानों को वापस लौटाने के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।