Move to Jagran APP

साढ़े तीन साल में 22 हजार लोगों से मिले राज्यपाल राम नाईक

नाईक ने 22 जुलाई, 2014 को राज्यपाल के तौर पर कार्यभार ग्रहण करने के बाद मिलने जुलने की जो परंपरा शुरू की थी, उसके तहत वह अब तक लगभग 22 हजार लोगों से भेंट कर चुके हैैं।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 03 Feb 2018 01:59 PM (IST)Updated: Sat, 03 Feb 2018 02:10 PM (IST)
साढ़े तीन साल में 22 हजार लोगों से मिले राज्यपाल राम नाईक
साढ़े तीन साल में 22 हजार लोगों से मिले राज्यपाल राम नाईक

लखनऊ (जेएनएन)। राज्यपाल के तौर पर पिछले महीने जनवरी में साढ़े तीन साल पूरे कर चुके राम नाईक का यह कार्यकाल प्रदेश के लिए कई मायनों में अनूठा रहा है। आमतौर पर सरकार के कामकाज और आम नागरिकों से दूर रहने की राजभवन की परंपरागत छवि को तोड़ते हुए नाईक ने अपने सरोकारों से जहां बेहतर प्रदेश की छवि उकेरने में अपना वक्त बिताया तो वहीं केंद्र के प्रतिनिधि के साथ खुद को जनता के अपने राज्यपाल के तौर पर भी स्थापित किया।

loksabha election banner

नाईक ने 22 जुलाई, 2014 को राज्यपाल के तौर पर कार्यभार ग्रहण करने के बाद राज्य के विभिन्न वर्गों से मिलने जुलने की जो परंपरा शुरू की थी, उसके तहत वह अब तक लगभग 22 हजार लोगों से भेंट कर चुके हैैं। मराठी भाषी नाईक ने यहां अपनत्व भरे संबंध बढ़ाते हुए न सिर्फ हिंदी भाषी जनता से संवाद कायम किया, बल्कि हाल के महीनों में प्रदेश की पहचान (ब्रांडिंग) के लिए भी प्रयास कर अपना अलग स्थान बनाया है।

साढ़े तीन साल के दौरान राज्यपाल सैकड़ों सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल हुए, जबकि राजभवन पहुंचकर उनसे मिलने वालों का सिलसिला भी लगातार बढ़ रहा है। राजभवन और लखनऊ में आयोजित 766 कार्यक्रमों में राज्यपाल शामिल हुए, जिसमें 113 कार्यक्रम पिछले छह महीने की अवधि में आयोजित हुए। लखनऊ से बाहर राज्यपाल ने 480 कार्यक्रमों में शिरकत की, जिसमें 87 आयोजन बीते छह महीने में हुए।

आजादी में याद दिलाया प्रदेश का योगदान

स्वतंत्रता आंदोलन में उत्तर प्रदेश प्रमुख केंद्र रहा है लेकिन, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अलावा आजादी की लड़ाई के अन्य प्रस्थान बिंदुओं पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। नाईक ने राज्य की इस कमी को दूर किया और लखनऊ कांग्रेस में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक द्वारा 'स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और इसे मैं लेकर रहूंगा की सिंह गर्जना को आयोजन के तौर पर मनाये जाने की प्रेरणा प्रदेश सरकार को दी।

प्रदेश के स्थापना दिवस की दी प्रेरणा

इन्वेस्टर्स समिट के जरिये देश-विदेश में प्रदेश की ब्रांडिंग के लिए कार्यरत राज्य सरकार के प्रयासों को नई दिशा देते हुए राज्यपाल ने राज्य सरकार को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के आयोजन की प्रेरणा दी और पिछले महीने 24 से 26 जनवरी तक इसके भव्य आयोजन के जरिये प्रदेश के लोगों की बेहतरी को एक नई दिशा भी प्रदान की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.