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राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार को लपेटा, कहा-कोरोना काल में करोड़ों के वित्तीय घोटाले की जांच में विश्वसनीयता की कमी, निष्‍पक्ष जांच हो

West bengal politics बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा निर्णय लेने वाले लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है। निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2020 07:42 PM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2020 07:42 PM (IST)
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार को लपेटा, कहा-कोरोना काल में करोड़ों के वित्तीय घोटाले की जांच में विश्वसनीयता की कमी, निष्‍पक्ष जांच हो
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार को लपेटा, कहा-कोरोना काल में करोड़ों के वित्तीय घोटाले की जांच में विश्वसनीयता की कमी, निष्‍पक्ष जांच हो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को ममता बनर्जी सरकार पर वैश्विक कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए राज्य स्वास्थ विभाग द्वारा की जाने वाली खरीदारी में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता करने का आरोप लगाया। 

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धनखड़ ने ट्वीट कर कहा, महामारी से निपटने के लिए होने वाली खरीद में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है और इस मामले की जांच में विश्वसनीयता की कमी है। निर्णय लेने वाले लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। गायब की गई धनराशि का पता लगाया जाना चाहिए और उसका लाभ बीमार लोगों को मिलना चाहिए।

पूरी खरीद में पारदर्शिता की कमी, भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा 

राज्यपाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि साफ जाहिर हो रहा है कि पूरी खरीद में पारदर्शिता की कमी है और निर्णय लेने वाले लोगों के द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है। उन्होंने यहां तक कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कार्यालय द्वारा इस मामले से जुड़े तथ्यों को उजागर नहीं होने दिया जा रहा है। बताते चलें कि एक दिन पहले भी राज्यपाल ने इस घोटाले को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा था और उम्मीद जताई थी कि इस मामले की जांच में लीपापोती नहीं होगी।

गृह, वित्त व स्वास्थ्य सचिव की अगुवाई में कमेटी गठित

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में कोविड-19 से मुकाबले के लिए स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे के विकास के उद्देश्य से की गई सामग्री की खरीद में अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए हाल में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। राज्य के गृह, वित्त व स्वास्थ्य सचिव की अगुवाई में यह कमेटी गठित की गई है।

सीएमओ को अनियमितताओं की कई शिकायतें मिली थीं 

दरअसल, मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को अनियमितताओं की कई शिकायतें मिली थीं। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया है। आरोप है कि वित्त विभाग द्वारा निविदा प्रक्रिया में ढील दिए जाने के बाद ऐसी कथित अनियमितताएं हुईं। जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को सौंपेगी।


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