राज्यपाल धनखड़ ने फिर कहा- कोरोना तीसरे विश्वयुद्ध की तरह, बंगाल सरकार अभी नहीं करे राजनीति
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ने फिर कहा- कोरोना तीसरे विश्वयुद्ध की तरह बंगाल सरकार अभी नहीं करे राजनीति
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि कोरोना महामारी तीसरे विश्वयुद्ध की तरह है। उन्होंने बंगाल सरकार को एक बार फिर इस समय राजनीति नहीं करने की नसीहत देते हुए केंद्र के साथ मिलकर काम करने व इस महासंकट का मुकाबला करने की अपील की। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि सरकार ऐसे संकट की घड़ी में भी राजनीतिक रोटियां सेंक रही है। उन्होंने कहा, 'यह समय राजनीति का नहीं है लेकिन वह (ममता) राजनीति कर रही है। राज्य में लाकडाउन का पालन नहीं हो रहा है। धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं। उनके बार-बार हाथ जोड़कर अनुरोध करने के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।' एक न्यूज़ चैनल के साथ बातचीत करते हुए धनखड़ ने कहा, 'बंगाल की जनता केंद्र सरकार के साथ है, लेकिन सरकार लॉकडाउन का पालन नहीं करवा रही है।
मैंने राज्य सरकार को कई बार आगाह किया कि यह तीसरे विश्व युद्ध की तरह है। यह राजनीतिक रोटियां सेकने का समय नहीं है। लेकिन मुझे धक्का लगा है कि राजनीति लोगों को कहां तक लेकर जा सकती है।' राज्यपाल ने आगे कहा, 'ममता सरकार टकराव की मुद्रा में है। उनसे कोई भी सवाल पूछो तो वह मुझे कुछ नहीं बताती है। मैंने उनसे निजामुद्दीन मरकज मामले में पूछा कि कितने लोगों को पकड़ा गया। राज्य में कितनी तब्लीगी जमात से संबंधित लोग मिले तो उन्होंने मुझसे कहा कि कम्युनल सवाल मत पूछिए। मैं इससे हैरान हूं।'
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना वायरस गरीब व अमीर के बीच फर्क नहीं देखता है। सभी को इससे मुकाबला के लिए मिलकर लड़ने की जरूरत है। धनखड़ ने एक बार फिर बंगाल में कोरोना के मामले व मौत के आंकड़े पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उन्हें इसपर भरोसा नहीं है। बंगाल में स्थिति बहुत ही खराब है। उन्होंने गरीबों को राशन नहीं देने का भी आरोप लगाते हुए एकबार फिर पीडीएस स्कैम की ओर इशारा किया। राज्यपाल ने कहा कि यहां पर कुछ भी पारदर्शी नहीं है। एक खास वर्ग के गरीबों को राशन नहीं दिया जा रहा है। उन्हें भूख का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा राज्यपाल ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ बंगाल के किसानों को नहीं मिलने को लेकर भी ममता सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में 70 लाख किसान हैं। किसान सम्मान निधि योजना के तहत इन 70 लाख किसानों को आर्थिक मदद मिल जाती, लेकिन ममता सरकार ने ऐसा नहीं किया। केंद्र सरकार को जानकारी नहीं दी गई जिससे यहां के गरीब किसान मदद से महरूम रह गए। राज्यपाल ने जोर देकर कहा कि कोरोना से मुकाबला एक बहुत बड़ी लड़ाई है। यह समय राजनीति करने का नहीं है।