Rajasthan: मोटर व्हीकल एक्ट लागू करेगी गहलोत सरकार, जुर्माना राशि केंद्र सरकार से आधी होगी
Gehlot Government. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान सरकार जुर्माना राशि कम कर के मोटर व्हीकल एक्ट लागू करेगी।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Gehlot Government. आखिरकार राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू करने को तैयार हो गई है। करीब पांच माह तक चली ना-नुकर के बाद गहलोत सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट लागू करने का निर्णय लिया है और संभवतः अगले सप्ताह में इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा तय जुर्माना राशि में राज्य सरकार ने संशोधन करने का निर्णय लिया है। जुर्माना राशि केंद्र सरकार के मुकाबले आधी की गई है।
नए एक्ट में संशोधन के बाद परिवहन विभाग ने विधि और वित्त विभाग की अनुसंशा करा ली है, अब अगले सप्ताह तक इसे जारी कर दिया जाएगा। राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राज्य सरकार जुर्माना राशि कम कर के मोटर व्हीकल एक्ट लागू करेगी। देश के जो वर्तमान हालात हैं, उनमें केंद्र द्वारा तय की गई राशि देने में लोग असमर्थ है, इसे राज्य सरकार ने कम किया है। सबसे कम जुर्माना लगाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य होगा।
राज्य सरकार ने ऐसे किया जुर्माना राशि में संशोधन
सामान्य अपराध करने पर केंद्र सरकार ने 500 से 1500 रुपये तक का जुर्माना तय किया था, लेकिन राज्य सरकार ने 200 से 500 रुपये तक का जुर्माना निर्धारित किया है। इसी तरह से बिना प्रदूषण प्रमाण-पत्र के वाहन चलाने पर केंद्र ने 10 हजार और तीन माह तक लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान किया था, लेकिन राज्य सरकार ने दुपहिया वाहनों पर 500 एवं भारी वाहनों पर 2000 रुपये का जुर्माना तय किया है। बिना हेलमेट वाहन चलाने पर केंद्र ने 1000 रुपये का जुर्माना एवं तीन माह तक लाइसेंस निलंबित करने का प्रावधान किया था, लेकिन राज्य सरकार ने केवल 1000 रुपये का जुर्माना करने का ही निर्णय लिया है।
तेज गति से कार चलाने पर केंद्र ने 1000 से 2000 रुपये तक का जुर्माना तय किया था, लेकिन राज्य सरकार ने इसमें संशोधन कर 1000 रुपये का जुर्माना करने का ही प्रावधान किया है। मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने पर केंद्र सरकार ने 1000 से 5000 रुपये तक का जुर्माना करने का प्रावधान किया तो राज्य सरकार 1000 रुपये का ही जुर्माना करेगी। बिना फिटनेस के वाहन चलाने पर केंद्र ने दो से पांच हजार रुपये तक का जुर्माना तय किया तो अब राज्य सरकार दो हजार रुपये का ही जुर्माना लगाएगी। बिना हेलमेट वाहन चलाने पर केंद्र द्वारा तय की गई जुर्माना राशि 1000 एवं बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर 5000 के स्थान पर राज्य सरकार 500 और 2000 रुपये करना चाहती थी, लेकिन विधि विभाग की राय के बाद इसे टाल दिया गया। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार द्वारा तय अधिकांश प्रावधानों में राज्य सरकार ने जुर्माना राशि कम की है।
मजबूरी में लागू किया गया
केंद्र सरकार ने करीब पांच माह पूर्व सितंबर, 2019 में मोटर व्हीकल एक्ट को लागू किया था। इसे संसद में पारित कराया गया था। गहलोत सरकार इस एक्ट को प्रदेश में लागू नहीं करना चाहती थी। जुर्माना राशि अधिक होने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री ने कई बार केंद्र को घेरा, लेकिन आखिरकार इसे लागू करने का निर्णय करना पड़ा। काफी विचार-विमर्श के बाद राज्य के विधि विभाग एवं वरिष्ठ वकीलों ने सरकार को सलाह दी कि संसद में पारित एक्ट का राज्य सरकार को लागू करना ही होगा।