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Rajasthan: केंद्रीय कृषि कानून में संशोधन को लेकर अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही गहलोत सरकार

Central Agricultural Law गहलोत सरकार केंद्र के कानूनों में संशोधन करने या इन्हें लागू ही नहीं करने को लेकर विधि व कृषि विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर रही है। सीएम गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कृषि कानूनों पर चर्चा की गई।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 03:50 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 06:58 PM (IST)
Rajasthan: केंद्रीय कृषि कानून में संशोधन को लेकर अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही गहलोत सरकार
गहलोत सरकार केंद्रीय कृषि कानून में संशोधन को लेकर अध्यादेश लाने को तैयारी।

जागरण संवाददाता, जयपुर। Central Agricultural Law: केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस शासित राज्यों में सबसे पहले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार कदम उठाएगी। गहलोत सरकार केंद्रीय कृषि कानूनों कों प्रदेश में हूबहू लागू नहीं करेगी। गहलोत सरकार केंद्र के कानूनों में संशोधन करने या इन्हें लागू ही नहीं करने को लेकर विधि व कृषि विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर रही है। सीएम गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कृषि कानूनों पर चर्चा की गई। सभी मंत्रियों ने केंद्रीय कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताया। मंत्रियों की राय थी कि इन्हें प्रदेश में लागू नहीं किया जाना चाहिए। कांग्रेस शुरू से ही इनका विरोध कर रही है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दो दिन पहले ही कांग्रेस शासित राज्य सरकारों को इस संबंध में पत्र लिखा था।

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सोनिया गांधी का पत्र मिलने के बाद अब गहलोत सरकार केंद्रीय कृषि कानूनों में संशोधन के लिए रास्ते तलाश रही है। यह भी रास्ता तलाशा जा रहा है कि क्या इन्हें प्रदेश में लागू ही नहीं किया जा सकता है। गहलोत सरकार इन कानूनों में बदलाव के लिए अध्यादेश लाने की संभावना तलाश रही है। इसके लिए विधानसभा सत्र बुलाने पर भी विचार किया जा रहा है। विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी व मुख्य सचिव राजीव स्वरूप सहित आधा दर्जन अधिकारियों को अध्यादेश लाने या कानून को लागू हीं नहीं करने की संभावनाएं तलाशने का जिम्मा सौंपा है।

गहलोत चाहते हैं कि सोनिया गांधी की मंशा के अनुसार, राजस्थान सबसे पहले इन कानूनों के खिलाफ कदम उठाए। कटारिया का कहना है कि कृषि राज्य का विषय है। राज्य सरकार किसानों के हित में जो भी संभव होगा, वह करेगी। अगले कुछ दिनों में राज्य सरकार का रुख साफ हो जाएगा। प्रदेश के शिक्षामंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि दो अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन प्रदेशभर में इन कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा गया है। डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस इन कानूनों को लागू करने के पक्ष में नहीं है।

किसानों की तकदीर बदल देंगेः भाजपा

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के कल्याण के लिए तीन विधेयक लेकर आए हैं। ये किसानों की तकदीर बदल देंगे। सोनिया गांधी नहीं चाहती है कि किसानों का कल्याण हो, वे अपनी आय को दोगुना कर सकें। पूनिया ने बुधवार को सोशल मीडिया के जरिए लोगों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस सत्ता से बाहर रहने की आदी हो गई है। पार्टी एक परिवार की है। जो पार्टी देश में राज करती थी, वह आज रीजनल पार्टियों से भी नीचे आ गई है। पार्टी की मान्यता खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। कांग्रेस में नेतृत्व की दिशाहीनता है, मुद्दे खत्म हो गए। कई बार लगता है कि कांग्रेस ने वंश के लिए अपनी ही नीतियों को नकार दिया। वंश की तारीफ करते-करते कांग्रेस किसी फिल्म के गाने की तरह हो गई है "मुन्नी बदनाम हुई डार्लिंग तेरे लिए"। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में किसान व खेती का बजट बढ़ा है। 


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