Reservation In Promotion: गहलोत सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण को लेकर लिया नया फैसला
Reservation In Promotion. राज्य के कार्मिक विभाग की प्रमुख सचिव रोली सिंह ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों संभागीय आयुक्तों एवं जिला कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Reservation In Promotion. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर निर्णय लिया है। सरकार के नए फैसले के बाद अब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसी संवर्ग में और किसी भी संख्या में पदोन्नति के पद होने पर राज्य कार्मिक विभाग के 11 सितंबर, 2011 के अनुसार आरक्षण देय होगा। इसके लिए सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण लागू करने वाले 29 अक्टूबर, 1990 के परिपत्र को निरस्त कर दिया है। 29 साल पुराने इस परिपत्र के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण उन पदों या प्रवर्गों में लागू नहीं था, जिनमें सीधी भर्ती का अंश 75 फीसद से अधिक था।
राज्य के कार्मिक विभाग की प्रमुख सचिव रोली सिंह ने सोमवार को इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों एवं जिला कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया है। परिपत्र में पदोन्नति के जरिए भरे जाने वाले पदों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण के प्रावधान का विस्तार से उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि राज्य, अधीनस्थ, लिपिकवर्गीय एवं चतुर्थ श्रेणी सेवाओं के कनिष्ठ और वरिष्ठ पदों में पदोन्नति से नियुक्ति के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान है। पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने वाले पदों में आरक्षण दिए जाने के संबंध में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण उन पदों पर लागू नहीं होगा जिनमें सीधी भर्ती का अंश 75 प्रतिशत से अधिक है।
निरस्त किए 29 साल पुराने निर्देश
सरकार ने अब कार्मिक विभाग के 29 अक्टूबर, 1990 को जारी परिपत्र को निरस्त कर दिया है। अब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए किसी भी संवर्ग में किसी भी संख्या में पदोन्नति पद होने पर उनमें आरक्षण, कार्मिक विभाग की अधिसूचना दिनांक 11 सितंबर, 2011 के प्रावधानुसार दिया जाएगा। संविधान का 85वां संशोधन लागू होने के बाद पदोन्नति में आरक्षण एक संवैधानिक अधिकार बना और राज्य में भी अधिसूचना 11 सितंबर, 2011 के जरिए सभी सेवा नियमों में संशोधन करते हुए पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान किया गया। ऐसी स्थिति में किसी भी संवर्ग में किसी भी संख्या में पदोन्नति पद होने पर उनमें आरक्षण दिया जाना तय है।