Rajasthan: घोषणापत्र पर अमल की निगरानी करेंगे राजस्थान के तीन मंत्री
Gehlot government. घोषणापत्र में की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग के लिए गहलोत सरकार ने तीन मंत्रियो की एक मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया है।
जयपुर, जेएनएन। Gehlot government. राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल के पहले वर्ष की समाप्ति पर घोषणापत्र के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर नजर आ रही है। घोषणापत्र में की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग के लिए गहलोत सरकार ने तीन मंत्रियो की एक मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया है।
राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने वैसे तो अपने कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में ही कांग्रेस के घोषणापत्र को सरकार का नीतिगत दस्तावेज मानने का निर्णय कर लिया था। इसका अर्थ यह था कि अब यह सिर्फ पार्टी का घोषणापत्र नहीं है, बल्कि सरकार का दस्तावेज है, जिस पर काम करना सरकार के लिए जरूरी है। इसके तहत गहलोत सरकार ने कई निर्णय जैसे किसानों की कर्जमाफी, बेरोजगारों को भत्ता जैसे निर्णय किए भी है। अब चूंकि गहलोत सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष समाप्त होने वाला है, ऐसे में गहलोत सरकार ने इन घोषणाओ की माॅनिटरिंग पर भी ध्यान देना शुरू किया है, ताकि घोषणाएं समय पर लागू हों और इसके लिए विभागों में समन्वय की जरूरत हो तो वह किया जा सके। इसके लिए ही गहलोत सरकार ने तीन मंत्रियों की समिति गठित की है।
गहलोत सरकार के ऊर्जा व जलदाय मंत्री बीडी कल्ला समिति के अध्यक्ष है, वहीं कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया तथा तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग को समिति का सदस्य बनाया गया है। यह समिति घोषणपत्र क्रियान्वयन को लेकर नियमित बैठकें करेगी और सभी विभागों से यह रिपोर्ट लेगी कि उनके विभागों में घोषणापत्र की घोषणाओं पर कितना काम हुआ है। समिति के सदस्य सचिव आयोजना विभाग के प्रमुख सचिव होंगे।
गौरतलब है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत ने ही अपने प्रथम कार्यकाल में घोषणापत्र को सरकार का नीतिगत दस्तावेज बनाए जाने की परंपरा शुरू की थी। इसके बाद भाजपा सरकारों ने भी इस परंपरा को जारी रखा। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार का 17 दिसंबर को एक साल पूरा हो रहा है।
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