Move to Jagran APP

bokaro news पूर्व मंत्री समरेश सिंह की हालत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

भाजपा नेता रहे समरेश सिंह की तबीयत खराब चल रही है। 1980 के दौरान मुंबई में हुए भाजपा के प्रथम अधिवेशन में कमल निशान का चिह्न रखने का सुझाव पार्टी को इन्होंने दिया था। इसके पीछे की कहान है कि 1977 में कमल के निशान पर जीत दर्ज की थी।

By Jagran NewsEdited By: Gautam OjhaPublished: Sat, 12 Nov 2022 06:07 PM (IST)Updated: Sat, 12 Nov 2022 06:07 PM (IST)
bokaro news पूर्व मंत्री समरेश सिंह की हालत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
झारखंड के पूर्व मंत्री सह बोकारो के पूर्व विधायक समरेश सिंह की फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, बोकारो : झारखंड के पूर्व मंत्री सह बोकारो के पूर्व विधायक 81 वर्षीय समरेश सिंह की तबीयत शनिवार को अचानक खराब हो गई। उन्हें आनन-फानन में बोकारो जनरल अस्पताल के सीसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है। पूर्व मंत्री समरेश सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे हैं।

loksabha election banner

चिकित्सकों का कहना है कि उनकी हालत स्थिर है। उनके अस्पताल में भर्ती होने की सूचना पर कई सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने उनसे मुलाकात की है। लोगों ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। अस्पताल में उनकी दोनों दोनों बेटे सिद्धार्थ सिंह व संग्राम सिंह तथा पुत्र वधु श्वेता सिंह व परिंदा सिंह के साथ उनके समर्थक अस्पताल में लगातार उनके हालत पर चिकित्सकों से बात कर रहे हैं।

बोकारो जनरल अस्पताल के सीसीयू वार्ड में भर्ती समरेश सिंह। 

भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं समरेश सिंह

बोकारो के पूर्व विधायक समरेश सिंह भाजपा के संस्थापक सदस्य हैं । पहली बार 1977 में बाघमारा विधानसभा से समरेश सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की थी। इसके बाद मुंबई में 1980 में आयोजित भाजपा के प्रथम अधिवेशन में कमल निशान का चिह्न रखने का सुझाव इन्हीं का था, जिसे केंद्रीय नेताओं ने मंजूरी दी थी । दरअसल समरेश सिंह को 1977 के चुनाव में कमल निशान पर ही जीत मिली थी। बाद में समरेश भाजपा से 1985 व 1990 में बोकारो से विधायक निर्वाचित हुए । इससे पहले 1985 में सिंह ने इंदर सिंह नामधारी के साथ मिलकर भाजपा में विद्रोह कर 13 विधायकों के साथ संपूर्ण क्रांति दल का गठन किया था। इस पर कुछ ही दिनों के बाद संपूर्ण क्रांति दल का विलय भाजपा में कर दिया गया ।

वर्ष 1995 में समरेश सिंह ने भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा व हार गये । इसके बाद वर्ष 2000 का चुनाव उन्होंने झारखंड वनांचल कांग्रेस के टिकट पर लड़ा। झारखंड बनने के बाद वे राज्य के प्रथम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री थे। फिर 2009 में झाविमो के टिकट पर विधायक बने।

समरेश सिंह का सफर

1977 में पहली बार बाघमारा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीते ।

1980 व बाद में : भाजपा में

1985 : बोकारो से विधायक

1990 : बोकारो से विधायक

2000 : झारखंड वनांचल कांग्रेस पार्टी से बोकारो के विधायक

2009 : झाविमो के टिकट पर बोकारो से विधायक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.