Move to Jagran APP

जम्मू-कश्मीर: पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा को दूसरे दिन भी नहीं मिली श्रीनगर से बाहर जाने की इजाजत

पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में कश्मीर आए सिविल सोसायटी के प्रतिनिधिमंडल को रविवार दूसरे दिन भी पुलिस ने श्रीनगर से आगे नहीं जाने दिया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 10:40 AM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 10:40 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर: पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा को दूसरे दिन भी नहीं मिली श्रीनगर से बाहर जाने की इजाजत
जम्मू-कश्मीर: पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा को दूसरे दिन भी नहीं मिली श्रीनगर से बाहर जाने की इजाजत

जम्मू, राज्य ब्यूरो। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में कश्मीर आए सिविल सोसायटी के प्रतिनिधिमंडल को रविवार दूसरे दिन भी पुलिस ने श्रीनगर से आगे नहीं जाने दिया। कनसर्नड सिटीजंस ग्रुप के इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल सुशोभा बार्वे का कहना है कि हम कश्मीर में जहां जाना चाहते हैं, वहां हमें जाने नहीं दिया जा रहा है। हमसे मिलने लोग ही हमारे पास आ रहे हैं।

loksabha election banner

रविवार को भी पांच प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने के लिए होटल में आए। कनसर्नड सिटीजंस ग्रुप के सदस्य दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और बडगाम में जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया। सुशोभा बार्वे ने कहा कि हम सभी को शनिवार को पुलवामा जाना था, लेकिन वहां जाने की इजाजत नहीं दी गई। रविवार को बडगाम जाना था, लेकिन वहां भी नहीं जाने दिया गया। इस ग्रुप में शामिल पूर्व सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला ने एक दिन पहले ही कहा था कि वह पुलवामा जाना चाहते थे, लेकिन एएसपी सिक्योरिटी ने उन्हें यह कहकर जाने से रोक दिया था कि वहां के हालात सही नहीं हैं। आतंकी हमले की आशंका बनी हुई है।

गौरतलब है कि दिल्ली स्थित कनसर्नड सिटीजंस ग्रुप के बैनर तले पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला, पूर्व एयरवाईस मार्शल कपिल काक, पत्रकार भारत भूषण और सुशोभा बार्वे शुक्रवार को श्रीनगर पहुंचे थे। 

जानकारी हो कि कश्मीर के हालात का जायजा लेने पहुंचे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने श्रीनगर में दाखिल होने के बाद कहा था कि शुक्र है कि मुझे पहले की तरह एयरपोर्ट से वापस नहीं भेजा गया। हम यहां लोगों से मिलेंगे और उन्हें बताएंगे कि बहुत से लोग कश्मीरियों की फिक्र करते हैं, उनकी बेहतरी के लिए योगदान करने को तैयार हैं। यशवंत सिन्हा दिल्ली स्थित बुद्धिजीवियों के एक संगठन कनसर्नड सिटीजंस ग्रुप के वरिष्ठ सदस्य हैं। वह इसी संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ श्रीनगर पहुंचे हैं। उनके साथ पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला, पूर्व एयरवाइस मार्शल कपिल काक, पत्रकार भारत भूषण और सुशोभा बार्वे भी हैं। सुशोभा बार्वे कश्मीर घाटी में बीते कई वर्षों से सक्रिय हैं और वह सेंटर फॉर रिकांसिलिएशन एंड डायलॉग नामक एक संस्था भी चलाती हैं।

चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों से की मुलाकात 

यशवंत सिन्हा ने कहा कि कश्मीर के हालात को लेकर सरकार की रिपोर्ट कुछ कहती है, विदेशी मीडिया कुछ अलग कहानी सुनाता है। टीवी चैनल भी यहां के हालात को लेकर कोई स्पष्ट तस्वीर नहीं दिखा रहे हैं। इसलिए हमने यहां आकर हालात का जायजा लेने का फैसला किया है। पूर्व वित्त मंत्री ने सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां दुकानें बंद हैं। हम यहां लोगों से मिलेंगे और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियिम 2019 को लागू किए जाने के बाद कश्मीर की अर्थव्यवस्था को पहुंचे नुकसान का भी जायजा लेंगे। हमने इसी सिलसिले में कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की है।

रिपोर्ट तैयार कर कश्मीर के हालात से लोगों को अवगत कराएंगे

एहतियातन हिरासत में रखे गए उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात के बारे में यशवंत सिन्हा ने कहा कि हम सभी से मिलने का प्रयास करेंगे। अब देखना है कि क्या प्रशासन हमें अनुमति देता है या नहीं। उन्होंने बताया कि कनसर्नड सिटीजंस ग्रुप कश्मीर दौरे की रिपोर्ट तैयार कर उसे दिल्ली में जारी करने के अलावा कश्मीर के हालात से देश के लोगों को अवगत कराने के लिए यथोचित कदम उठाएगा। गौरतलब है कि यशवंत सिन्हा गत 17 सितंबर को भी कश्मीर आए थे, लेकिन श्रीनगर एयरपोर्ट पर एक हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद उन्हें उसी शाम दिल्ली वापस भेज दिया गया था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.