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Kashmiri Leaders Released: चार महीने की हिरासत के बाद पांच कश्मीरी नेता रिहा

Kashmiri Leaders Released पांच कश्मीरी नेताओं को सोमवार को चार महीने से अधिक की हिरासत के बाद रिहा कर दिया गया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 05:54 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 05:54 PM (IST)
Kashmiri Leaders Released: चार महीने की हिरासत के बाद पांच कश्मीरी नेता रिहा
Kashmiri Leaders Released: चार महीने की हिरासत के बाद पांच कश्मीरी नेता रिहा

श्रीनगर, प्रेट्र/एएनआइ। Kashmiri Leader released. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पांच कश्मीरी नेताओं को सोमवार को चार महीने से अधिक की हिरासत के बाद रिहा कर दिया है।

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नेशनल कांन्फ्रेंस (नेकां) के इश्फाक जब्बार व गुलाम नबी भट, कांग्रेस के बशीर मीर, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के जहूर मीर व यासिर रेशी को रिहा किया गया है। अनुच्छेद 370 के विरोध में इन्हें गत पांच अगस्त को हिरासत में लिया गया था।

गौरतलब  है कि रेशी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री और पीडीपी संरक्षक महबूबा मुफ्ती के खिलाफ खुलकर विद्रोह किया था।

पीडीपी फिर सक्रिय, महबूबा समेत सभी राजनीतिक नेताओं की रिहाई की मांग

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू होने के लगभग पांच माह बाद सोमवार को पहली बार श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने मौजूदा राजनीतिक हालात पर बैठक की। जम्मू में भी पीडीपी की प्रांतीय नेताओं की एक बैठक हुई। दोनों ही बैठकों में सात जनवरी को पार्टी के संस्थापक व पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहममद सईद की बरसी को मनाने की रूप रेखा तय हुई। दोनों जगह पीडीपी नेताओं ने एक प्रस्ताव पारित कर पीडीपी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सईद समेत हिरासत में बंद अपने सभी नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए जल्द ही एक जनसंपर्क अभियान भी चलाने का फैसला किया।

पांच अगस्त के बाद से ही कश्मीर घाटी में पीडीपी की लगभग सभी सियायी गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं। जम्मू प्रांत में पीडीपी के स्थानीय नेताओं ने इस दौरान कई बार आपस में बैठक कर अपने राजनीतिक मुद्दों को उठाया है। जम्मू में पीडीपी के महासचिव और पूर्व एमएलसी सुरेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें पूर्व एमएलसी ने कहा कि पीडीपी अध्यक्ष व अन्य नेताओं को हिरासत में रखा जाना लोकतंत्र के खिलाफ है। सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार व जम्मू कश्मीर प्रशासन से मांग है कि वह महबूबा मुफ्ती समेत सभी राजनीतिक लोगों को तत्काल प्रभाव से रिहा करते हुए उनको सियासी गतिविधियों की अनुमति दें। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि अब जम्मू कश्मीर की सियासत में पीडीपी पूरी आप्रसंगिक हो चुकी है। जो लोग ऐसा कहते हैं, वह सात जनवरी का इंतजार करें।

सात जनवरी को हम दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद की बरसी पर एक रैली करने जा रहे हैं। इसमें सभी नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे, जिससे सत्ता में बैठे लोगों को जम्मू कश्मीर में पीडीपी की अहमियत का अहसास हो जाएगा। उधर, श्रीनगर में पार्टी महासचिव अब्दुल हमीद कोशीन और पूर्व विधायक मुश्ताक अहमद शाह की संयुक्त अध्यक्षता में पीडीपी नेताओं की बैठक हुई। इसमें भी महबूबा समेत सभी वरिष्ठ नेताओं के हिरासत में होने से पैदा हालात पर विस्तार से चर्चा हुई। पीडीपी नेताओं ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि अगर सरकार को यहां हालात सामान्य बनाने हैं तो महबूबा समेत सभी राजनीतिक लोगों को रिहा करना चाहिए।

पार्टी प्रवक्ता ताहिर सईद ने कहा कि आज यहां जो श्रीनगर में बैठक हुई है, यह पांच अगस्त के बाद पहली बैठक है। बैठक में हमने अपने सभी नेताओं की रिहाई के संदर्भ में एक प्रस्ताव पारित करने के अलावा कश्मीर में इंटरनेट पर पाबंदी को हटाने का भी प्रस्ताव पास किया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही पीडीपी पूरे कश्मीर में आम कार्यकर्ताओं व लोगों के साथ एक जनसंपर्क अभियान भी चलाने जा रही है।

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