कैप्टन ने कहा-खैहरा के खिलाफ एफआइआर संभव, अाप नेता बोले-करके दिखाओ
रेफरेंडम 20-20 पर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि सुखपाल खैहरा के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो सकता है। दूसरी आेर, खैहरा ने एफअाइआर दज्र करने की चुुनौती दी है।
जेएपनएन, चंडीगढ़। सिख राज्य की मांग को लेकर रेफरेंडम 20-20 पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और आम आदमी पार्टी के विधायक व नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा आमने-सामने आ गए हैैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि रेफरेंडम 20-20 का खैहरा द्वारा समर्थन किए जाने की जांच करवाई जा रही है। मामले में खैहरा दोषी पाए गए तो उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी। वहीं, खैहरा ने भी चुनौती दे दी है कि कैप्टन उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज करवाएं। साथ ही उनका कहना है कि इससे पहले सरकार यह दिखाए कि रेफरेंडम का उन्होंने कहां पर समर्थन किया है।
रेफरेंडम 20-20 को समर्थन मामले में सीएक और नेता विपक्ष आमने-सामने
लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां मुद्दों की तलाश में जुटी हुई हैं। इस बीच रेफरेंडम 20-20 का मुद्दा हावी होता नजर आ रहा है। दो दिनों से गरम हो रहे इस मुद्दे को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हवा देते हुए कहा कि इस मामले में वह जांच करवा रहे हैं कि अगर खैहरा दोषी पाए गए तो उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी। कैप्टन ने स्पष्ट संकेत दिए कि कानूनी राय के बाद खैहरा की परेशानी बढ़ सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा- बढ़ सकती हैं खैहरा की मुश्किलें, खैहरा बोले-सरकार साबित करे कहां पर समर्थन किया
दूसरी तरफ, आप विधायक खैहरा ने भी आक्रामक रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री को चुनौती दी है कि वे एफआइआर दर्ज करवा कर दिखाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को यह भी साबित करना चाहिए कि उन्होंने (खैहरा ने) कब और कहां पर रेफरेंडम 20-20 का समर्थन किया। सरकार अभी तक इसे साबित क्यों नहीं कर पाई है।
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खैहरा का कहना है कि कभी भी उन्होंने सिख राज्य की मांग को लेकर रेफरेंडम 20-20 का समर्थन नहीं किया। उन्हें यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि आजादी से लेकर सफल सरकारों के पीछे सिखों की कुर्बानियों को कभी नहीं भूला जा सकता है।
क्या है रेफरेंडम 20-20
गर्मख्याली सिख संगठनों की ओर से खालिस्तान की मांग के समर्थन में रेफरेंडम 20-20 का नारा बुलंद किया गया है। रेफरेंडम (जनमत संग्रह) की मांग करने वाले सिख संगठनों के ज्यादातर प्रमुख कनाडा आदि देशों में हैैं। वहीं से वे इस मुहिम को हवा दे रहे हैैं।
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