Fight Against CoronaVirus: एक हजार करोड़ का होगा कोविड केयर फंड, सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया एलान
Fight Against CoronaVirus मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लंबी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को मजबूत करना जरूरी है।
लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना से निपटने के लिए जनता के सहयोग से कोविड केयर फंड की स्थापना का एलान किया है। फंड का आकार 1000 करोड़ रुपये होगा।
इस फंड में 76.14 करोड़ रुपये का पहला अंशदान बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों ने स्वेच्छा से अपना एक दिन का वेतन देकर किया। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को उनके सरकारी आवास पर इस फंड के लिए 76.14 करोड़ रुपये की धनराशि का चेक भेंट किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लंबी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को मजबूत करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोविड केयर फंड के माध्यम से राज्य के मेडिकल कॉलेजों में टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने का काम किया जाएगा। क्वारंटाइन वार्ड, आइसोलेशन वार्ड और वेंटिलेटर की व्यवस्था करने के साथ एन-95 मास्क, पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट और सैनिटाइजर बनाने की कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी। कोविड-19 के बेहतर उपचार के लिए हर जिले में लेवल-1, 2 व 3 के अस्पतालों की श्रृंखला बनायी जाएगी। इस फंड में सरकार तो मदद देगी ही, जनता के अलावा कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत औद्योगिक घरानों से भी सहायता ली जाएगी।
फायर बिग्रेड के वाहनों से होगा एरिया सैनिटाइजेशन
कोरोना वायरस से बचाव में एरिया सैनिटाइजेशन के लिए फायर ब्रिगेड ने जरूरत पडऩे पर दमकल वाहनों के इस्तेमाल का प्रस्ताव दिया है। डीजी फायर सर्विस आरके विश्वकर्मा ने इसके लिए प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों तथा एसपी को पत्र भेजा है। डीजी ने पत्र में कहा कि सीएफओ से एक वाटरमिस्ट वाहन लेकर नगर निगम या नगर पालिका द्वारा एरिया सैनिटाइजेशन का काम किया जा सकता है। डीजी ने चार मुख्य हिदायतें भी दी हैं। इसके तहत लोगों व पशुओं पर और घरों व बिल्डिंगों के भीतर छिड़काव न करने को कहा गया है। छिड़काव के दौरान मीडिया कर्मियों को बेवजह न बुलाने की हिदायत भी दी गई है। फायर कर्मी खुद फोटो खींचकर मीडिया को वाट्सएप से उपलब्ध कराएंगे। इस दौरान अनावश्यक भीड़ न जुटने देने के भी निर्देश दिए गए हैैं।
मोबाइल एप से पहुंचेंगे आश्रय स्थलों व कम्युनिटी किचेन तक
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन में लोगों को यथास्थान रोकने के लिए बनाये गए आश्रय स्थलों और जरूरतमंदों को भोजन मुहैया कराने के लिए संचालित कम्युनिटी किचेन की लोकेशन को लोग अब अपने स्मार्टफोन के जरिए गूगल मैप पर देख सकेंगे। राज्य सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने केंद्र सरकार व अन्य एजेंसियों के सहयोग से इसके लिए मोबाइल एप विकसित किया है, जिसके जरिये प्रदेश के सभी जिलों में लोग अपने पास के आश्रय स्थल या कम्युनिटी किचेन की लोकेशन का पता लगाकर वहां पहुंच सकेंगे।
प्रमुख सचिव आइटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स आलोक कुमार ने बताया कि इसके लिए केंद्र सरकार के इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, गुजरात के भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशंस एंड जियो इनफॉर्मेटिक्स और रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर लखनऊ की ओर से विकसित उप्र सेंटर ऑफ जियो इन्फार्मेटिक्स पोर्टल पर इनपुट टैग करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस एप के जरिए लोग आश्रय स्थलों और कम्युनिटी किचेन में उपलब्ध शौचालय, पेयजल, सैनिटाइजर, भोजन, बिस्तर व सोशल डिस्टेंसिंग जैसी सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकेंगे। राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से इस ऐप को शनिवार से गूगल मैप पर संचालित कर दिया गया। रोज इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी, जिससे यह पता चल सके कि कितने लाभार्थियों को यह सुविधा उपलब्ध कराई गई।