Fight Against Corona Virus : सीएम योगी ने सभी डीएम से कहा- प्रतिदिन कराएं 25 नमूनों की जांच
Fight Against Corona Virus मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अनुशासन ही कोरोना का इलाज है इसलिए लॉकडाउन का पालन सख्ती से कराएं।
लखनऊ, जेएनएन। Fight Against Corona Virus : कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में तेजी आने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस वायरस को रोकने की कसरत और तेज कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हर जिले से प्रतिदिन 25 लोगों के नमूने लेकर जांच जरूर कराई जाए। इसके अलावा जहां भी कोरोना संक्रमित मरीज पाया जाए, उस क्षेत्र में सर्किल तय कर वहां रहने वाले सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कराएं। योगी ने कहा कि अनुशासन ही कोरोना का इलाज है, इसलिए लॉकडाउन का पालन सख्ती से कराएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास से सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। योगी ने कहा कि संदिग्धों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा जाए। वहीं पर उनकी सारी जरूरतें पूरी होनी चाहिए। संदिग्धों के सैंपल लैब में भेजकर जांच करवाएं। इसके लिए हर जिले में सैंपल कलेक्शन सेंटर होना चाहिए। सीएम योगी ने 40 जिलों के 410 कोरोना पॉजिटिव रोगियों का सर्किल तय करते हुए वहां पर मेडिकल टीम द्वारा प्रभावित परिवार के साथ-साथ क्षेत्र के निवासियों की भी जांच करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस काम के लिए एसडीआरएफ फंड से हर जिले को जो धनराशि दी गई थी, उससे क्वारंटाइन वार्ड की स्थापना कर वहां पर संदिग्धों को रखें। इन केंद्रों पर उनके रहने, खाने, सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा आदि की व्यवस्था की जाए। हर जिले में कोविड के एल-1 हॉस्पिटल स्थापित और कार्यशील हों। योगी ने स्वास्थ्य विभाग को हर जिले में कोविड एल-2 हॉस्पिटल स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मी लॉकडाउन को सख्ती से लागू कराएं और ड्रोन से निगरानी करें।
प्रत्येक पांच बेड पर हो एक वेंटिलेटर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि प्रत्येक पांच बेड पर एक वेंटिलेटर जरूर उपलब्ध हो। अस्पतालों में फायर सेफ्टी, सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की व्यवस्था जरूर हो। उन्होंने कहा कि कोरोना को हर हाल में स्टेज-2 पर ही रोकना होगा। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग और आत्मानुशासन अत्यंत कारगर होगा। साथ ही स्वास्थ्य विभाग मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित करे, ताकि वे जिलों में आशा, आंगनबाड़ी, पैरामेडिकल स्टाफ, एनएसएस, एनसीसी आदि के वॉलेंटियर्स को प्रशिक्षित कर सकें।