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Fight Against Corona in UP: CM योगी आदित्यनाथ का निर्देश, यूपी में रोजाना हों 50 हजार रैपिड एंटीजन टेस्ट

Fight Against Corona in UP सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ कोरोना वायरस पर नियंक्षण की समीक्षा की।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 10:57 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 09:51 AM (IST)
Fight Against Corona in UP: CM योगी आदित्यनाथ का निर्देश, यूपी में रोजाना हों 50 हजार रैपिड एंटीजन टेस्ट
Fight Against Corona in UP: CM योगी आदित्यनाथ का निर्देश, यूपी में रोजाना हों 50 हजार रैपिड एंटीजन टेस्ट

लखनऊ, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रचार पर नियंत्रण के लिए नित नये उपाय तलाशने में लगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जोर अब कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर बढ़ गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ कोरोना वायरस पर नियंक्षण की समीक्षा की।

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उन्होंने स्वास्थ विभाग के साथ हर जिले में प्रशासन को निर्देश दिया है कि हर जगह पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग धैर्य तथा सावधानी से करें। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया है कि कहीं पर भी दवा के अभाव में किसी का इलाज रुकना नहीं चाहिए। प्रदेश में कानपुर के दस तथा लखनऊ के चार थाना क्षेत्र में रविवार तक टोटल लॉकडाउन के बाद अब अन्य शहरों में भी यह प्रक्रिया लागू करने पर विचार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट को अब 20 हजार से बढ़ाकर 50 हजार टेस्ट प्रतिदिन किया जाना चाहिए। वर्तमान में प्रदेश ने 55 हजार टेस्ट प्रतिदिन की टेस्टिंग क्षमता अर्जित की है। इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि दवा के अभाव में किसी भी रोगी का इलाज प्रभावित नहीं होना चाहिए। सभी अस्पतालों में दवाओं का अतिरिक्त स्टॉक रखा जाए। अगर ऐसा होता है तो वहां सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के गंभीर रोगियों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि धैर्य और सावधानी से हर जगह कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करें। उन्होंने चिकित्सीय व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ बनाने के भी निर्देश दिए हैं। 

डोर-टू-डोर सर्वे में तेजी लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश में डोर-टू-डोर सर्वे कार्य में तेजी लाने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाए। मेडिकल स्क्रीनिंग में कोविड-19 के संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध पाए जाने वाले लोगों की रैपिड एन्टीजन टेस्ट के माध्यम से जांच की जाए। इस दौरान मेडिकल जांच में संक्रमण की पुष्टि होने पर ऐसे लोगों के उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

स्वच्छता और सैनिटाइजेशन का कार्य और प्रभावी हो 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके साथ ही प्रत्येक स्तर पर स्वच्छता और सैनिटाइजेशन की कार्यवाही को प्रभावी ढंग से संचालित करने का निर्देश देते हुए कहा कि जिलों के नोडल अधिकारी प्रतिदिन अपने-अपने जनपद की रिपोर्ट मुख्य सचिव को दें। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री को पूरी जानकारी उपलब्ध कराएंगे।

नोडल अधिकारी लेंगे कोरोना संक्रमितों से फीडबैक

प्रदेश के हर जिले में भेजे गए नोडल अधिकारी अब कोरोना संक्रमितों के साथ ही स्वस्थ होकर अपने घर गए लोगों से फीडबैक लेंगे। अब नोडल अधिकारी रोज कम से कम 20 कोरोना संक्रमितों से बात करेंगे। विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमितों से नोडल अधिकारी फोन पर बात करने के दौरान उनके मिल रहे इलाज, सुविधा तथा दिक्कतों का फीडबैक लेंगे। इन सभी सभी नोडल अधिकारियों को डीएम को रोज रिपोर्ट देनी होगी। जिलों में इलाज और सुविधाओं में लापरवाही हुई तो अब से नोडल अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी। जिलों में नोडल अधिकारियों को रोज कोविड अस्पतालों का निरीक्षण भी करना होगा।

पशुओं में होने वाले रोगों पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के मौसम में पशुओं में होने वाले रोगों के नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी गो-आश्रय स्थल के गोवंशों के नियमित चिकित्सीय परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके साथ साथ ही उनके लिए हरे चारे का प्रबन्ध किया जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव पशुपालन को इन समस्त कार्यों की नियमित निगरानी के निर्देश भी दिए।

बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन के लिए हेल्पलाइन जारी, रोज देनी होगी हेल्थ रिपोर्ट

लक्षण विहीन मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा कुछ शर्तों के साथ दी जा रही है।  इसके तहत 10 दिन रहने के बाद सात दिन घर में ही क्वांरटाइन रहना होगा। ऐसे लक्षण विहीन मरीजों का दो कमरों का घर जरूर होना चाहिए। वे प्रतिदिन कंट्रोल रूम के (18001805146) फोन नम्बर पर अपने स्वास्थ्य की जानकारी देंगे। उसमें दो शौचालय भी होने चाहिए। इसी तरह कोविड अस्पतालों में भर्ती लक्षण विहीन मरीजों को पहली जांच के 10वें दिन या भर्ती होने के सातवें पर बिना किसी जांच के डिस्चार्ज किया जाएगा। होम आइसोलशन में भर्ती मरीजों के लिए थर्मामीटर व पल्सऑक्सीमीटर अपने पास रखना अनिवार्य है। उनका ऑक्सीजन का लेवल 94 फीसदी से ऊपर होना चाहिए। रैपिड रिस्पांस टीम भी उनके घर के निरीक्षण करेगी कि होम आइसोलेशन का मरीज निर्धारित शर्तों का पालन कर रहा या नहीं। मरीज में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर उसे एल-2 और एल-3 के कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। होम आइसोलेशन के मरीज को अपने कपड़े, घर के शौचालय और कमरे को सोडियम हाइपोक्लोराइड से विसंक्रमित करना होगा। 

नई संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी की जानकारी चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जल्द बड़े शहरों में टेस्टिंग सेंटर बनाए जाएंगे। वहां लैब टेक्नीशियन लोगों रैपिड एंटीजेन टेस्ट करेंगे। लक्षण पाए जाने पर तुरंत उनका नमूना जांच के लिए आरटीपीसीआर लैब भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि मामूली मर्ज पर डॉक्टरी सलाह लेने के लिए ई-संजीवनी वेबसाइट का उपयोग करें। मरीज इस वेबसाइट पर पंजीकरण कराने के लिए अपना फोन नम्बर दर्ज करेगा।  फिर आए ओटीपी को दर्ज करने के बाद पंजीकरण हो जाएगा। उसके बाद मरीज का डॉक्टर से सीधा संपर्क हो जाएगा। डॉक्टर दवा का पर्चा भी इसी साइट पर देगा। कुछ दिनों में यह व्यवस्था की जाएगी कि दवा के पर्चे का प्रिंट आउट के आधार पर सरकारी अस्पतालों में दवा मिल सके। 


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