Jammu and Kashmir: ठंड में जम्मू शिफ्ट किए जा सकते हैं फारुक, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती
जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ. फारुक अब्दुल्ला उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को अगले चंद दिनों में श्रीनगर से शरदकालीन राजधानी जम्मू में स्थानांतरित किया जा सकता है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष डॉ. फारुक अब्दुल्ला, उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को अगले चंद दिनों में श्रीनगर से शरदकालीन राजधानी जम्मू में स्थानांतरित किया जा सकता है।
राज्य प्रशासन ने तीनों नेताओं को वादी में ठंड के प्रकोप को देखते हुए जम्मू में किसी उपयुक्त जगह पर हिरासत में रखने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया है। इनके अलावा पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन को भी जम्मू लाया जा सकता है, जबकि शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर परिसर में स्थित सेंटूर होटल में रखे गए 34 अन्य नेताओं में से अधिकांश को रिहा करने व एक दर्जन के करीब को एमएलए हॉस्टल श्रीनगर या फिर सोनवार के आसपास एक निजी होटल में रखे जाने की योजना है।
सूत्रों ने बताया कि डॉ. फारुक अब्दुल्ला की किडनी का ऑपरेशन हो चुका है। इसके अलावा वह हृदयरोग और शुगर से भी पीडि़त हैं। महबूबा मुफ्ती का भी स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उनकी बेटी इल्तिजा ने भी कई मंचों पर अपनी मां की बीमारी का हवाला देते हुए उन्हें किसी ऐसी जगह स्थानांतरित करने का आग्रह किया है, जहां ठंड कम हो। सज्जाद गनी लोन का भी स्वास्थ्य ठीक नहीं है।
प्रशासन नहीं चाहता कि ठंड के मौसम में विशेषकर जब कश्मीर में बर्फ से सब कुछ ठप होता है, इन नेताओं के स्वास्थ्य पर किसी तरह का दुष्प्रभाव हो और जिसके लिए उसकी फजीहत हो। इसलिए वह इन्हें शरदकालीन राजधानी जम्मू में किसी उचित जगह पर हिरासत में रखने पर विचार कर रहा है।
पांच अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लागू करने का फैसला लिए जाने से पूर्व चार अगस्त की मध्यरात्रि को राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पीपुल्स कांफ्रेंस, अवामी इत्तेहाद पार्टी, माकपा व कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को हिरासत में लिया या फिर उन्हें नजरबंद बनाया था। हिरासत में लिए गए अधिकांश नेताओं को रिहा कर दिया गया है।
डॉ. फारुक अब्दुल्ला को तीन माह के लिए पीएसए के तहत उनके ही घर में बंदी बनाकर रखा गया है। उमर अब्दुल्ला को हरि निवास में और महबूबा मुफ्ती को चश्माशाही के पास एक सरकारी गेस्ट हाउस में एहतियातन हिरासत में रखा गया है। सज्जाद गनी लोन समेत करीब 50 नेताओं को सेंटूर होटल में रखा गया था। इसे सब जेल का दर्जा दिया गया है। सेंटूर में रखे गए करीब 50 में से 16 नेताओं को रिहा किया जा चुका है। इसके अलावा दूसरी जगहों पर रखे गए 35 अन्य नेताओं को भी रिहा किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि सेंटूर प्रबंधन द्वारा करीब पौने तीन करोड़ रुपये का बिल थमाए जाने के बाद से ही राज्य प्रशासन अब वहां रखे गए नेताओं के लिए वैकल्पिक स्थान का तलाश रहा है। प्रशासन ऐसी जगह की तलाश में है, जहां उसे इन नेताओं को आम लोगों से दूर रखते हुए सुरक्षा कवच तैयार करने में कोई ज्यादा दिक्कत न हो। उन्होंने बताया कि राज्य प्रशासन की फिलहाल सेंटूर प्रशासन से बातचीत चल रही है, ताकि वहां ठंड से बचाव की पर्याप्त सुविधा का बंदोबस्त करते हुए किराया दर को कम किया जा सके। इसके अलावा सोनवार और बादामी बाग इलाके में स्थित एक निजी होटल प्रबंधन के साथ भी इस सिलसिले में संवाद किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य गृह विभाग ने राज्य एस्टेट विभाग से भी संपर्क किया है और उसे श्रीनगर में कोई उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने के लिए कहा है। इसके अलावा एमएलए हॉस्टल श्रीनगर का भी दो दिन पूर्व राज्य पुलिस और गृह विभाग के अधिकारियों ने दौरा कर वहां उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया है।
कहा जा रहा है सेंटूर में रखे गए नेताओं को एमएलए हॉस्टल में भी स्थानांतरित करने का एक विकल्प संबंधित प्रशासन ने अपने पास रखा है। ऐसी स्थिति में सेंटूर में इस समय बंद 34 नेताओं में से करीब 19 को रिहा किया जाएगा और 14 को एमएलए हॉस्टल में रखा जाएगा। इसके अलावा वहां बंद पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन को जम्मू में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रिहा किए जाने वाले संभावित नेताओं में अधिकांश बुजुर्ग हैं और वह हालात को सामान्य बनाए रखने में सहयोग के लिए बांड देने को भी तैयार हैं।