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Rajasthan: अजय माकन आए थे खाई पाटने, पर कांग्रेस में बढ़ गई और गुटबाजी

Ajay Maken अजय माकन राजस्थान के दौरे पर आए थे अशोक गहलोत और सचिन पायलट सहित अन्य कांग्रेसियों के बीच की खाई पाटने लेकिन जमीनी स्तर पर गुटबाजी बढ़ गई।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 10:55 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 10:55 PM (IST)
Rajasthan: अजय माकन आए थे खाई पाटने, पर कांग्रेस में बढ़ गई और गुटबाजी
Rajasthan: अजय माकन आए थे खाई पाटने, पर कांग्रेस में बढ़ गई और गुटबाजी

जागरण संवाददाता, जयपुर। Ajay Maken: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन राजस्थान के दौरे पर आए थे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट सहित अन्य कांग्रेसियों के बीच की खाई पाटने, लेकिन जमीनी स्तर पर गुटबाजी पहले से अधिक बढ़ गई। गहलोत और पायलट समर्थक विधायकों व नेताओं ने जहां एक-दूसरे के खिलाफ जमकर शिकायत कीं, वहीं सरकार में ब्यूरोक्रेसी के हावी होने की बात भी कही। विधायकों व संगठन के पदाधिकारियों ने माकन से कहा कि मंत्रियों की ही अधिकारी नहीं सुनते हैं तो हमारा क्या होगा। अधिकारी मंत्रियों के फोन ही नहीं रिसीव करते हैं। मंत्री ही अधिकारियों से परेशान हैं।

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गौरतलब है कि गहलोत और पायलट के बीच एक माह तक चले विवाद के कारण दोनों के समर्थकों में जमीनी स्तर पर बढ़ी दूरी खत्म करने के मिशन के तहत ही माकन दो दिन से प्रदेश के दौरे पर हैं। इसी सिलसिले में गुरुवार को उन्होंने जयपुर संभाग के नेताओं के साथ संवाद किया। इस दौरान विधायकों ने खुलकर सरकार में सुनवाई नहीं होने की बात कही। विधायकों ने कहा मंत्री फोन ही नहीं उठाते और ना ही मिलते हैं। अगर मंत्री मिल भी गए तो अधिकारी उनकी नहीं सुनते। पायलट समर्थक विधायकों ने सरकार में अपनी सुनवाई नहीं होने की बात कही। पायलट के विश्वस्त विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, मुरारीलाल मीणा, जीआर खटाणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत व बृजेंद्र ओला ने सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए। इन विधायकों ने सरकार में कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होने की बात कही। पायलट समर्थक सुरेश मिश्रा ने कहा कि सरकार में हमारी बिल्कुल नहीं चलती। हमसे दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है।

वहीं, गहलोत खेमे के विधायक अमिन कागजी ने कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों के बारे में पूछा तक नहीं जाता। मंत्री और अधिकारी अपनी मर्जी से काम करते हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव केके हरितवाल ने कहा कि विधायकों की सरकार में चल रही है। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव सुशील शर्मा ने कहा कि संवैधानिक पद खाली पड़े हैं। सरकार का डेढ़ साल का कार्यकाल पूरा हो गया है, लेकिन इन पदों के नहीं भरे जाने से पार्टी को नुकसान हो रहा है। इस दौरान गहलोत व पायलट समर्थकों ने एक-दूसरे पर पार्टी को कमजोर करने के आरोप भी लगाए। माकन जब प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में नेताओं से मिल रहे थे तभी दौसा से आए पायलट समर्थकों को प्रवेश नहीं करने दिया गया। इस पर उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी और धरने पर बैठ गए। हालांकि, कुछ ही देर बात उन्हें प्रवेश दे दिया गया।

दो अक्टूबर तक मंत्रियों से रिपोर्ट मांगी

अजय माकन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मंत्रियों से चुनाव घोषणा-पत्र के क्रियान्वयन को लेकर दो अक्टूबर तक रिपोर्ट देने के लिए कहा है। मंत्रियों से कहा गया है कि वे माह में एक बार अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा करेंगे और इस दौरान संगठन के लोगों से भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि फीडबैक कार्यक्रम के तहत विधायकों, संगठन के पदाधिकारियों व आम कार्यकर्ताओं की राय जानी गई है। सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल का प्रयास किया जा रहा है।


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