पीएफआइ पर प्रतिबंध की सिफारिश जल्द होगी मंजूर : केशव प्रसाद मौर्य
CAA उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के साथ देश में सीएए का विरोध अराजकता फैलाने की सुनियोजित साजिश है। देश विरोधी ताकतें इस आग को हवा दे रही हैैं।
प्रयागराज, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नाम सामने आने के बाद अब इस संस्था पर सख्त कार्रवाई तय है। प्रयागराज में मंगलवार को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसका संकेत दिया।
मौर्य ने कहा कि किराए के लोग नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की बड़ी भूमिका है। अब जल्द ही पीएफआइ पर प्रतिबंध की सिफारिश केंद्र सरकार मंजूर करेगी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के साथ देश में सीएए का विरोध अराजकता फैलाने की सुनियोजित साजिश है। देश विरोधी ताकतें इस आग को हवा दे रही हैैं। प्रदर्शन में छेडख़ानी की शिकायतें भी आ रही हैं। ईडी की रिपोर्ट के बाद साफ हो गया कि पीएफआइ ने हिंसा कराई है। ईडी की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार प्रतिबंध लगाने की यूपी सरकार की सिफारिश को जल्द मंजूर करेगी। पीएफआइ की तरफ से हाईकोर्ट में दाखिल अर्जी पर प्रदेश सरकार इस संगठन को लेकर अपना पक्ष रखेगी। उन्होंने कहा कि सिमी का बदला हुआ रूप पीएफआइ है। जांच में उसके खिलाफ गंभीर तथ्य सामने आए हैं।
मौर्य ने कहा कि मुस्लिम मतों के ध्रुवीकरण के लिए सपा, बसपा और कांग्रेस खेल कर रही हैं। मौर्य ने तीन दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन मंगलवार को डिप्टी सीएम ने माघ मेला और शहर के कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। वह सोमवार रात माघ मेला के एक शिविर में रुके थे। मंगलवार सुबह उन्होंने पवित्र त्रिवेणी में डुबकी भी लगाई।
शोक संवेदना और श्रद्धांजलि
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गाजीपुर में भाजपा प्रदेश मीडिया संपर्क प्रमुख नवीन श्रीवास्तव के आवास पहुंचकर उनके चाचा ललित मोहन श्रीवास्तव के असामयिक निधन पर शोक प्रकट किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। अखिलेश यादव को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह जब सत्ता में थे, तो गंगा के नाम जितना पैसा खर्च किए, वह जमीन पर नहीं दिखाई दिया।
हमारी सरकार में गंगा को समाज से जोडऩे का काम किया जा रहा है। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद डिप्रेशन में हैं। मौर्य ने कहा कि गंगा यात्रा को लेकर कहीं कोई विरोध नहीं है, यह सिर्फ अखिलेश की व्यथा है। गंगा आस्था का विषय है चुनाव का मुद्दा नहीं।