दुष्यंत ने फिर दी चौटाला के फैसले को चुनौती, अनुशासन समिति पर अवैध बताया
सांसद दुष्यंत चौटाला ने एक बार फिर इनेलो सांसद आेमप्रकाश चौटाला के फैसले को चुनौती दी है। दुष्यंत ने बड़े चौटाला द्वारा गठित अनुशासन समिति पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से निलंबित सांसद दुष्यंत चौटाला ने एक बार फिर अपने दादा व पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के फैसले को चुनौती दी है। अपने निलंबन के आधार वाले साक्ष्य मांगने के बाद अब दुष्यंत चौटाला ने आेमप्रकाश चौटाला द्वारा गठित अनुशासन समिति की वैधानिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैैं।
ओमप्रकाश चौटाला के राजनीतिक सलाहकार रह चुके पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी इनेलो की अनुशासन समिति के चेयरमैन हैैं। गुरुग्राम में 18 अक्टूबर को हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में चौटाला ने दुष्यंत के विरुद्ध कार्रवाई का मामला अनुशासन समिति को सौंपकर 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी थी।
कार्यालय सचिव नछत्तर मल्हान के जरिये अनुशासन समिति के अध्यक्ष शेर सिंह बड़शामी को लिखे पत्र
दुष्यंत चौटाला और उनके भाई दिग्विजय चौटाला पर अनुशासनहीनता तथा गोहाना रैली में हूटिंग कराने के आरोप के जवाब दिए हैं। इस पर चौटाला ने दोनों को पार्टी से निलंबित कर दिया था।
अब दुष्यंत और दिग्विजय के पार्टी से निष्कासन की स्क्रिप्ट तैयार की जा रही है। अनुशासन समिति ने अभी अपनी रिपोर्ट नहीं दी है, लेकिन दुष्यंत चौटाला ने कार्यालय सचिव नछत्तर सिंह मलहान के माध्यम से अनुशासन समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखकर एक बार फिर अपने खिलाफ सबूत मांग लिए हैैं।
दुष्यंत चौटाला ने सबूत मिलने के बाद अनुशासन समिति के अध्यक्ष से उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई का मौका देने की भी मांग की है। दुष्यंत ने समिति के अस्तित्व को असंवैधानिक बताते हुए कहा है कि वह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की पालना नहीं कर रही है। लोकतांत्रित प्रणाली में कानून का शासन चलता है, शासन का कानून नहीं। उनका इशारा सीधे-सीधे अपने दादा के फैसले के विरुद्ध है।
दुष्यंत चौटाला आरोपों से आहत, अभी नहीं मिले सबूत
दुष्यंत चौटाला अपने ऊपर लगे आरोपों से आहत हैैं। उन्होंने अनुशासन समिति के अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा 'मैैं जननायक देवीलाल के आदर्शों के अनुरूप काम करने में भरोसा रखता हूं। ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व में मुझे काम करने का मौका मिला, यह भी मेरे लिए गौरव है। पार्टी को नुकसान पहुंचाने के आरोपों से मैैं आहत हुआ हूं। 14 और 17 अक्टूबर को मैैंने अपने ऊपर लगे आरोपों के साक्ष्य मांगे थे, ताकि मैैं अपनी सफाई दे सकूं, लेकिन मुझे अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।'
अनुशासन समिति पर नहीं भरोसा, गैरकानूनी बताया
दुष्यंत चौटाला के अनुसार, अनुशासन समिति के आचरण को देखते हुए उन्हें आशंका है कि उनके अधिकारों का हनन किया जाएगा। पार्टी कार्यालय व अनुशासन समिति पूरी कार्रवाई में मुझे जान बूझकर अनदेखा कर रही है। यह समिति गैर कानूनी तरीके से कार्य कर रही है। मुझे लग रहा कि समिति के गठन के पहले दिन ही मेरे विरुद्ध कार्रवाई निर्धारित कर ली गई थी। इसलिए मुझे प्रमाण जरूर दिए जाएं, ताकि मैैं खुद को निर्दोष साबित करने को जवाब दे सकूं।