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यूपी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने पर फिर मंथन, लखनऊ व नोएडा में शुरू हो सकता पायलेट प्रोजेक्ट

गौतमबुद्धनगर प्रकरण में आइपीएस अधिकारियों पर हुई कार्रवाई के बाद शासन स्तर पर पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने को लेकर विचार-विमर्श भी शुरू हो गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 02:55 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 07:13 AM (IST)
यूपी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने पर फिर मंथन, लखनऊ व नोएडा में शुरू हो सकता पायलेट प्रोजेक्ट
यूपी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने पर फिर मंथन, लखनऊ व नोएडा में शुरू हो सकता पायलेट प्रोजेक्ट

लखनऊ, जेएनएन। मुंबई व अन्य महानगरों की तरह उत्तर प्रदेश में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है। गौतमबुद्धनगर प्रकरण में आइपीएस अधिकारियों पर हुई कार्रवाई के बाद शासन स्तर पर इसे लेकर विचार-विमर्श भी शुरू हो गया है।

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लखनऊ और नोएडा में कमिश्नर प्रणाली बतौर पायलेट प्रोजेक्ट के लागू करके इन जिलों में एडीजी अथवा आइजी स्तर के अधिकारी की तैनाती हो सकती है। माना जा रहा है कि गुरुवार को हुए तबादलों के बाद इस विचार के चलते ही अभी लखनऊ और नोएडा में एसएसपी की तैनाती नहीं की गई है। हालांकि अधिकारी अभी इसे लेकर सीधे कुछ बोलने से कतरा रहे हैं। लखनऊ और नोएडा में एसपी रैंक के वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती की संभावना भी है।

उत्तर प्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। इसे लेकर कई बार प्रस्ताव भी शासन को भेजे जा चुके हैं। 27 दिसंबर 2018 को तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने पुलिस सप्ताह के तहत आयोजित रैतिक परेड में लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद समेत 20 लाख से अधिक आबादी वाले महानगरों में कमिश्नर प्रणाली को बतौर पायलट प्रोजेक्ट लागू किए जाने की सिफारिश भी की थी। उन्होंने कहा था कि देश में लगभग 71 शहरों में कमिश्नरी प्रणाली लागू है और 19 महानगरों की ही आबादी 20 लाख से ज्यादा है। उन 19 महानगरों में शामिल 14 शहरों में यह प्रणाली जारी है।

सबसे पहले वर्ष 1976-77 में कानपुर में कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने की घोषणा हुई थी, लेकिन वह मूर्तरूप नहीं ले सकी। आइपीएस व पीपीएस एसोसिएशन समेत कई पूर्व व वर्तमान पुलिस अधिकारी प्रदेश में कमिश्नर प्रणाली लागू कराने की मांग कई बार उठा चुके हैं। आइपीएस अधिकारी इस राह में सबसे बड़ा रोड़ा आइएएस अधिकारियों को मानते हैं। उनका कहना है कि चूंकि इस प्रणाली के लागू होने से जिला मजिस्ट्रेट के कई अधिकारी पुलिस कमिश्नर को मिल जाएंगे, इसके चलते आइएएस अधिकारी इसके पक्ष में नहीं खड़े होते।

पूर्व में डीएम की अध्यक्ष्ता में क्राइम मीटिंग व कानून-व्यवस्था की समीक्षा को लेकर जारी आदेश के बाद भी दोनों संवर्ग के अधिकारियों के बीच खासी खींचतान देखने को मिली थी। दूसरी ओर यह चर्चा भी है कि लखनऊ व नोएडा में एसपी स्तर के वरिष्ठ अधिकारी को तैनात किए जाने पर भी विचार चल रहा है। पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह का कहना है कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने की मांग लंबे समय से की जाती रही है। पहले कानपुर में इसे लागू करने की घोषणा भी हुई थी। यह व्यवस्था जनहित में होगी। बड़े शहरों में इस व्यवस्था की शुरुआत किया जाना बड़ी और अच्छी पहल होगी।


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