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West Bengal: राज्यपाल से नहीं मिले डीजीपी, भड़के धनखड़ ने कहा- इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता

बंगाल सरकार और राजभवन के बीच बढ़ी तनातनी राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और उसमें सुधार के संबंध में डीजीपी को 26 सितंबर यानी शनिवार को तलब किया था लेकिन डीजीपी राज्‍यपाल से मिलने नहीं पहुंचे।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 07:51 AM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 07:51 AM (IST)
West Bengal: राज्यपाल से नहीं मिले डीजीपी, भड़के धनखड़ ने कहा- इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता
डीजीपी के न पहुंचने से राज्‍यपाल जगदीप धनखड़ नाराज

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल सरकार और राजभवन के बीच तनातनी लगातार बढ़ती ही जा रही है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और उसमें सुधार के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताने के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को 26 सितंबर यानी शनिवार को तलब किया था। लेकिन, डीजीपी राज्यपाल से मिलने देर शाम तक नहीं पहुंचे। इसको लेकर राज्यपाल ने एक बार फिर गहरी नाराजगी व्यक्त की है।

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राज्यपाल ने ट्वीट कर कहा, 'लगातार तीसरी बार अनुरोध के बावजूद राज्य के डीजीपी उनसे मिलने नहीं पहुंचे, इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है। ममता सरकार के डीजीपी मामले की व्याख्या नहीं करना चाहते हैं। इसकी बजाय सीएम अपनी ओर से लिख रही हैं। क्या यही संविधान व संघवाद की परिकल्पना है? क्या सीएम की सही काउंसलिंग की जा रही है? सीएम को इसका जवाब देंगे।'

 उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से अलकायदा के छह आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद से राज्यपाल लगातार डीजीपी पर निशाना साध रहे हैं। राज्यपाल ने यहां तक कहा था कि डीजीपी को कानून- व्यवस्था की कोई परवाह नहीं है और वह शुतुरमुर्ग की तरह आवरण लगाकर चीजों से अंजान बने रहने की प्रवृत्ति दर्शा रहे हैं। 

 आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद राज्यपाल ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य आतंक एवं अपराध का सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। उन्होंने डीजीपी को कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और उसमें सुधार के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताने के बुलाया था। दूसरी ओर डीजीपी ने कहा था कि पश्चिम बंगाल पुलिस कानून द्वारा निर्धारित मार्ग का दृढ़ता से अनुसरण करती है। किसी के साथ पक्षपात या भेदभाव नहीं किया जाता है। राज्यपाल ने उनके इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह कथन किसी को हजम नहीं होगा कि बंगाल पुलिस कानून द्वारा निर्धारित मार्ग का अनुसरण करती है।


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