बागी AAP विधायकों की सदस्यता समाप्त किए जाने के मामले में अहम सुनवाई आज
बागी विधायकों को भेजे नोटिस में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि आप लोग भाजपा में शामिल हो गए हैं क्यों न विधानसभा में आपकी सदस्यता रद कर दी जाए।
नई दिल्ली, जेएनएन। दलबदल के आरोपों का सामना कर रहे आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) के बागी विधायक देवेंद्र सहरावत और अनिल वाजपेयी के मामले में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल मंगलवार को सुनवाई करेंगे। हालांकि दोनों विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष को अपना जवाब देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट से 10 जुलाई तक का समय मिला है।
इन विधायकों के खिलाफ आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता व विधायक सौरभ भारद्वाज ने अपनी पार्टी की ओर से विधानसभा में याचिका लगाई है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष गोयल ने कार्रवाई शुरू की है। उन्होंने इन विधायकों को नोटिस भेजा था। इसके बाद दोनों विधायकों ने जवाब देने के लिए छह सप्ताह का समय मांगा था। इस पर अध्यक्ष ने एक सप्ताह का समय दिया था, लेकिन अभी तक इन्होंने अपना जवाब नहीं दिया है। बागी विधायकों को भेजे नोटिस में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि आप लोग भाजपा में शामिल हो गए हैं, क्यों न विधानसभा में आपकी सदस्यता रद कर दी जाए। दरअसल याचिका में भारद्वाज ने कहा है कि सहरावत और वाजपेयी ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में मई में पार्टी में शामिल हुए थे। इसके पूरे प्रमाण उपलब्ध हैं। मगर इन दोनों विधायकों ने इसका खंडन किया है।
कपिल और संदीप को मंगलवार को देना है जवाब
आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्र व संदीप कुमार को भी विधानसभा अध्यक्ष ने नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इन विधायकों ने कानून का उल्लंघन किया है, क्यों न इनकी सदस्यता रद कर दी जाए। इन विधायकों को 9 जुलाई तक जवाब देने को कहा गया है। ये दोनों विधायक पूर्व में केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे हैं।
विस अध्यक्ष के खिलाफ दायर याचिका खारिज
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के खिलाफ आप के दो बागी विधायकों ने जो याचिका दायर की थी, उसे सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। विधायक देवेंद्र सहरावत एवं अनिल वाजपेयी ने याचिका में आरोप लगाया था कि अध्यक्ष उनके मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति विभू भाखरू ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है। हाई कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से पेश किए गए नोट पर भी ध्यान दिया। इस नोट में कहा गया है कि दलबदल विरोधी कानून के तहत उनकी योग्यता खारिज करने की मांग वाली याचिका पर नोटिस देकर जवाब दाखिल करने के लिए दो दिन का समय दिया जाएगा।
सौरभ भारद्वाज (विधायक AAP) ने कहा कि दल-बदलू नेताओं पर शिकंजा कसने के लिए ही कानून बनाया गया है। सारी दुनिया के सामने भाजपा में शामिल होने वाले विधायक अब क्यों डरे हुए हैं। रोज सप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट भागते हैं, लेकिन वहां से भी कोई राहत नहीं मिल पा रही है।