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यूपी की धरती से पानी में मोर्चे का दम जुटाएगी नौसेना, यूपीडा के साथ एमओयू

AtmaNirbhar Bharat नौसेना के तकनीकी मार्गदर्शन से यहां स्थापित लगने वाली रक्षा क्षेत्र की इकाइयां जरूरत के अनुसार उत्पादन कर सकेंगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 12:23 AM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 06:01 AM (IST)
यूपी की धरती से पानी में मोर्चे का दम जुटाएगी नौसेना, यूपीडा के साथ एमओयू
यूपी की धरती से पानी में मोर्चे का दम जुटाएगी नौसेना, यूपीडा के साथ एमओयू

लखनऊ, जेएनएन। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घरेलू रक्षा उद्योग क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय नौसेना और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच महत्वपूर्ण करार हुआ है। उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवे अथॉरिटी (यूपीडा) और नौसेना की नेवल इनोवेशन एंड इंडिजिनाइजेशन ऑर्गनाइजेशन के बीच अनुबंध प्रदेश में बन रहे डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में सहायक बनेगा।

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नौसेना के तकनीकी मार्गदर्शन से यहां स्थापित लगने वाली रक्षा क्षेत्र की इकाइयां जरूरत के अनुसार उत्पादन कर सकेंगी। इससे भारतीय नौसेना में इनोवेशन के साथ ही स्वदेशीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। डिफेंस कॉरिडोर में नौसेना की इकाई भी स्थापित होने की संभावना है। हाल ही में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र के 101 उत्पादों को मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश में ही निर्मित कराने का फैसला किया है। बताया कि इससे घरेलू रक्षा इकाइयों को करीब चार लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलेंगे। इस दिशा में उत्तर प्रदेश ने काफी तेजी से कदम बढ़ाया है।

इसके तहत गुरुवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में यूपीडा और नेवल इनोवेशन एंड इंडिजिनाइजेशन ऑर्गनाइजेशन के बीच अनुबंध हुआ, जिस पर यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ऑनलाइन शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज ही नेवल इनोवेशन इंडिजिनाइजेशन ऑर्गनाइजेशन का शुभारंभ हुआ और भारतीय नौसेना व उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के नोडल विभाग यूपीडा के बीच एक एमओयू हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत विजन में नवाचार और स्वदेशीकरण की तरफ लगातार हम सबका ध्यान आकर्षित किया है। रक्षा मंत्री ने रक्षा से संबंधित 101 उत्पादों को मेक इन इंडिया तहत बनाने का फैसला किया है। इससे आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना साकार होगी और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य को काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि नौसेना डिफेंस कॉरिडोर में स्थापित होने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के सहयोग से अपनी समस्याओं का तकनीकी समाधान भी तलाश सकेगी। इसके साथ ही भारतीय नौसेना के डिफेंस कॉरिडोर में अपनी इकाई स्थापित करने की भी संभावनाएं आगे बढ़ सकती हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ ङ्क्षसह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आपदा को अवसर में बदलकर देश को आत्मनिर्भर बनाने का विजन प्रस्तुत किया। इस विजन को मूर्त रूप देने में नवाचार व स्वदेशीकरण की बड़ी भूमिका है। रक्षा मंत्री ने प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

कार्यक्रम को वाइस एडमिरल जी. अशोक कुमार और एसआइडीएम के अध्यक्ष बाबा कल्याणी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन और अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार भी उपस्थित थे।

कॉरिडोर बदलेगा बुंदेलखंड सहित कई जिलों की तकदीर

डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना लखनऊ, कानपुर, आगरा, झांसी, चित्रकूट और अलीगढ़ में की जा रही है। कॉरिडोर छह जिलों के 5072 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कॉरीडोर का सबसे अधिक लाभ बुंदेलखंड को होगा। झांसी में 3025 हेक्टेयर, कानपुर में 1000 हेक्टेयर, चित्रकूट में 500 हेक्टेयर और आगरा में 300 हेक्टेयर भूमि पर कॉरिडोर के नोड बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा कॉरिडोर का विशेष हिस्सा लखनऊ और अलीगढ़ में होगा। 


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