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Rajasthan: कांग्रेस में शामिल होने वाले बसपा के छह विधायकों को हाईकोर्ट के नोटिस कराए तामील, फैसला 11 को

Rajasthan Court हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को जैसलमेर जिला जज न्यायालय के तीन कर्मचारियों ने सभी छह विधायकों को नोटिस तामील करवाए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 06:31 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 06:53 PM (IST)
Rajasthan: कांग्रेस में शामिल होने वाले बसपा के छह विधायकों को हाईकोर्ट के नोटिस कराए तामील, फैसला 11 को
Rajasthan: कांग्रेस में शामिल होने वाले बसपा के छह विधायकों को हाईकोर्ट के नोटिस कराए तामील, फैसला 11 को

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के सियासी संकट के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस में आए सभी छह विधायकों को हाईकोर्ट के नोटिस तामील करा दिया गए हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को जैसलमेर जिला जज न्यायालय के तीन कर्मचारियों ने सभी छह विधायकों को नोटिस तामील करवाए। ये कर्मचारी शुक्रवार को सुबह नोटिस लेकर होटल सूर्यगढ़ पहुंचे और विधायकों को थमाए। अब सभी की नजरें हाई कोर्ट पर टिकी हैं। आगामी 11 अगस्त को इस मामले हाईकोर्ट की एकलपीठ का फैसला आने की उम्मीद है।बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक वाजिब अली ने कहा कि हमने हाईकोर्ट का नोटिस ले लिया है।

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वाजिब अली ने कहा कि हमें न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। ये छह विधायक सीएम अशोक गहलोत खेमे के अन्य विधायकों के साथ छह दिन पहले जयपुर से जैसलमेर गए थे। बसपा से कांग्रेस में विलय करने वाले छह विधायकों के मामले को लेकर मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति व जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ में सुनवाई हुई। भाजपा विधायक मदन दिलावर व बसपा महासचिव सतीश मिश्रा ने विलय को गलत बताते हुए इन सभी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने को लेकर याचिका खंडपीठ में पेश की थी।

खंडपीठ ने इस मामले में सभी विधायकों से आठ अगस्त तक नोटिस का जवाब मांगा गया है। इसके बाद 11 अगस्त को एकलपीठ में सुनवाई होगी। खंडपीठ ने मामला महेंद्र कुमार गोयल की एकलीठ में ट्रांसफर कर दिया। पिछली सुनवाई के दौरान विधानसभा सचिवालय की तरफ से कहा गया था कि हम विधायकों को नोटिस नहीं तामिल नहीं करा सकते, क्योंकि हमारा काम पोस्ट ऑफिस का नहीं है। इस पर खंडपीठ ने जैसलमेर जिला जज को इस बात की जिम्मेदारी सौंपी थी। खंडपीठ ने कहा था कि जैसलमेर के जिला जज नोटिस को तामिल कराने में पुलिस की मदद ले सकते हैं और जरूरत पड़ने पर जैसलमेर व बाड़मेर के अखबारों में नोटिस प्रकाशित करा सकते हैं।


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