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Himachal: दलाईलामा बोले, 84 वर्ष का जवान हूं, मेरे पुनर्जन्म की चिंता छोड़ें

Dalai Lama in Dharamsala. दलाईलामा ने कहा कि तीन दिवसीय सम्मेलन में मेरे पुनर्जन्म को लेकर चर्चा की गई लेकिन अभी इसकी कोई जरूरत नहीं है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 07:30 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 09:12 AM (IST)
Himachal: दलाईलामा बोले, 84 वर्ष का जवान हूं, मेरे पुनर्जन्म की चिंता छोड़ें
Himachal: दलाईलामा बोले, 84 वर्ष का जवान हूं, मेरे पुनर्जन्म की चिंता छोड़ें

जागरण संवाददाता, धर्मशाला। Dalai Lama in Dharamsala. तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा है, 'मैं अभी 84 वर्ष का जवान हूं। मेरे पुनर्जन्म के बारे में जल्दी क्यों हैं। मैं काफी अच्छा व स्वस्थ हूं, इसलिए मेरे पुनर्जन्म के बारे में कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए।' दलाईलामा मैक्लोडगंज में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सभागार में तीन दिवसीय 14वें तिब्बती सम्मेलन के समापन अवसर पर उपस्थिति को संबोधित कर रहे थे।

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दलाईलामा ने कहा कि तीन दिवसीय सम्मेलन में मेरे पुनर्जन्म को लेकर चर्चा की गई, लेकिन अभी इसकी कोई जरूरत नहीं है। हम दुनिया की बेहतरी के लिए काम करें, इससे सभी को खुशी मिलेगी। उन्होंने कहा, 'मैंने पहले ही अनुरोध किया है कि हमारे तिब्बती मठों को अध्ययन पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।'दलाईलामा ने कहा कि चीन में करोड़ों लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं और यह संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।

तिब्बत में अधिकारों की बहाली के लिए तिब्बती आत्मदाह कर रहे हैं, उनकी कुर्बानी को नमन है। तिब्बत में लोग चीन सरकार से अधिकारों की मांग कर रहे हैं, तो उसमें क्या गलत है। भारत हमारा गुरु देश है और नालंदा विश्वविद्यालय की परंपराओं को लेकर वह आगे बढ़ रहे हैं। बौद्ध धर्म विश्व के हर कोने में पहुंच चुका है। उन्होंने बौद्ध धर्म की परख करके ही इसका अनुयायी बनने का आग्रह भी किया।कुल मिलाकर तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान तिब्बत के धार्मिक नेताओं ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था कि दलाईलामा के उत्तराधिकारी को लेकर खुद दलाईलामा ही इस बारे में कोई निर्णय लेंगे।

चीन की कोशिशों को दलाईलामा का जवाब

चीन इस बात को लेकर जोर दे रहा है कि अगले दलाईलामा को वही नामित करेगा। इस पर तिब्बती समुदाय में रोष है। दलाईलामा के उत्तराधिकारी के संबंध में चर्चाएं कई वर्षो से हैं। इसी वर्ष हुए तिब्बतियों के विशेष अधिवेशन में यह स्पष्ट संदेश चीन को दिया गया था कि दलाईलामा ही खुद उत्तराधिकारी तय करेंगे। अब हुए तिब्बती धर्म गुरुओं के तीन दिवसीय सम्मेलन में भी यही संदेश चीन को दिया गया है। तीन दिवसीय सम्मेलन में सभी बौद्ध संप्रदायों के प्रमुख और प्रतिनिधि शामिल हुए।

नए भवन का किया शुभारंभ

दलाईलामा ने सम्मेलन से पूर्व केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के नए भवन का भी शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में बहुत कुछ बदलाव भी आया है। जो कि एक खुशी का विषय है।

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