Coronavirus : अखिलेश यादव ने कहा- लॉकडाउन में जनता की सुविधाओं का ध्यान रखे सरकार
Coronavirus अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की तमाम अपीलों और निर्देशों के बावजूद कुछ संस्थान अपने कर्मचारियों और श्रमिकों की सेवाएं समाप्त कर रहे हैं।
लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि तीन मई तक बढ़ाए गए लॉकडाउन का जनता पूरी निष्ठा के साथ पहले की तरह पालन करेगी। अब राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि जनता की सुविधाओं का ध्यान रखे और उन्हें कोई परेशानी न होने दें।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि भोजन व इलाज के अभाव में किसी भी व्यक्ति को संकट नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की तमाम अपीलों और निर्देशों के बावजूद कुछ संस्थान अपने कर्मचारियों और श्रमिकों की सेवाएं समाप्त कर रहे हैं। राजधानी लखनऊ में ही संविदाकर्मियों के वेतन से कटौती की गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे अमानवीय ठहराया। उन्होंने कहा कि यह समय कोरोना के कहर का मुकाबला करने की संयुक्त जिम्मेदारी का है।
दावा है कि जब कोरोना के केस नहीं थे तब ही विभिन्न एअरपोर्ट्स पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी गयी थी लेकिन सवाल ये है कि वो कितनी गंभीर और सार्थक रही. अगर ये सच है तो फिर ये बताया जाए कि कोरोना हमारे देश में पहले पहल कैसे आया.
जब सार्थक काम होंगे, तब ही सच में देश का भला होगा. — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 14, 2020
अखिलेश यादव ने कहा कि तीन मई तक समाजवादी पार्टी द्वारा राहत कार्य जारी रहेंगे। कार्यकर्ताओं की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि उनके गांव मोहल्लों में कोई भूखा-प्यासा नहीं रहना चाहिए। अखिलेश ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल के नाते समाजवादी पार्टी सेवा धर्म निभाएगी।
मुंबई में हजारों लोगों के सड़कों पर आकर घर लौटने की माँग को देखते हुए उप्र की सरकार तुरंत नोडल अधिकारी नियुक्त करे व केंद्र के साथ मिलकर महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में फँसे प्रदेश के लोगों को निकाले. जब अमीरों को जहाज से विदेशों से ला सकते हैं, तो गरीबों को ट्रेनों से क्यों नहीं.— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 14, 2020
अखिलेश यादव ने कहा कि बाराबंकी में गुजरात से लौटे एक बुजुर्ग को 21 दिनों तक घर में क्वारंटाइन रखा गया। किसी ने भी उसकी सुधि नहीं ली, जिससे वह मर गए। सपा अध्यक्ष ने कहा कि यह घटना सरकारी दावों की पोल भी खोल रही है। वहीं, किसानों की फसल अधर में है। सरकार की जिम्मेदारी है कि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति क्विंटल किसानों को दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि बेमौसम बरसात से पहले ही नुकसान झेल रहे किसानों को लॉकडाउन ने पूरी तरह बर्बाद कर दिया है।