Gujarat: गुजरात विधानसभा में असामाजिक तत्वों के खिलाफ लाए गए विधेयक पर सरकार व विपक्ष में तकरार
गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने इसके जवाब में कहा कि राम का फोटो भेजकर उसके साथ कुछ भी लिख दें यह नहीं चलेगा। कांग्रेस किसके पक्ष में है स्थिति स्पष्ट करे। जाडेजा ने विधानसभा में प्रीवेंशन ऑफ एंटी सोशियल एक्टीविटीज एक्ट पासा का संशोधित मसौदा पेश किया।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात विधानसभा में मंगलवार को असामाजिक तत्वों के खिलाफ लाए गए विधेयक पर सरकार व विपक्ष के सदस्यों में जमकर तकरार हुई। कांग्रेस विधायक सीजे चावडा व इमरान खेडावाला ने सोशल मीडिया की पोस्ट को पासा कानून के दायरे में लेने पर इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया। गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने इसके जवाब में कहा कि राम का फोटो भेजकर उसके साथ कुछ भी लिख दें, यह नहीं चलेगा। कांग्रेस किसके पक्ष में है, स्थिति स्पष्ट करे। जाडेजा ने विधानसभा में प्रीवेंशन ऑफ एंटी सोशियल एक्टीविटीज एक्ट पासा का संशोधित मसौदा पेश किया। पासा अब तक भारतीय दंड संहिता तथा आर्म्स एक्ट के अंतर्गत आने वाले अपराध के कुछ मामलों में ही लागू होता था।
लेकिन अब यह मानव तस्करी, शराब की हेराफेरी, जुआ, आइटी एक्ट की कुछ धाराओं के साथ गोहत्या, गोमांस तस्करी, आर्थिक अपराध, अवैध रूप से ब्याज पर धन की लेन देन जैसे मामलों व महिलाओं के यौन शोषण जैसी घटनाओं में भी लागू होगा। अभी तक जिला मजिस्ट्रेट या पुलिस कमिश्नर पासा के तहत कार्रवाई के आदेश कर सकते थे, लेकिन अब पुलिस महानिरीक्षक इसका आदेश कर सकेगा।
कांग्रेस विधायक सीजे चावडा ने कहा कि विधानसभा में सरकार कितने भी सख्त कानून बना ले. लेकिन उनका अमलीकरण शून्य है। रूपाणी सरकार के कानून केवल कागजी दस्तावेज हैं, उनकी पालना नहीं होती है। विधायक बलदेवजी ठाकोर ने कहा कि गुजरात में शराबबंदी का कानून है, लेकिन राज्य की पुलिस खुद शराब का धंधा करती है, जो भी व्यक्ति शराब बेचकर उसे हफ्ता नहीं दे पाता है उसे ही पासा के तहत जेल में डाल देते हैं। महाराष्ट्र, राजस्थान व मध्य प्रदेश की सीमा से खुलेआम शराब की यहां आ रही है। विधायक इमरान खेडावाला ने कहा कि सोशल मीडिया पर की जाने वाली पोस्ट को भी पासा कानून के दायरे में लेना नागरिकों को कानून का भय दिखाने के अलावा कुछ नहीं है, ये नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी का हनन है।
इस पर जाडेजा ने कहा कि गुजरात सरकार अपराध व अपराधियों के खिलाफ पूरी तरह सख्त है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। जाडेजा ने कहा कि सोशल मीडिया में कोई राम का फोटो पोस्ट कर कुछ भी लिख दें ये नहीं चलेगा। भगवान राम का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। ब्याजखोर व जुए के अड्डे चलाने वालों पर अब पहली बार में ही सख्त कार्रवाई होगी। जाडेजा ने कहा कि इस कानून को लेकर कांग्रेस अपनी स्थिति साफ करे, वो सरकार के साथ है या अपराधियों के पक्ष में है।
मरीज से मेडिकल स्टाफ की हाथापाई मामला भी विधानसभा में गूंजा
राजकोट के सरकारी अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की ओरसे कोरोना मरीज के साथ मारपीट के बाद उसकी मौत के मामले की गूंज गुजरात विधानसभा में भी सुनाई दी। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया कि मरीज मानसिक रूप से अस्वस्थ था, उसे काबू में लेने का प्रयास किया गया था। उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने बताया कि 17 सितंबर को राजकोट सिविल अस्पताल का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि मेडिकल स्टाफ मरीज के साथ मारपीट कर रहा था।
मंत्री ने बताया कि किडनी की बीमारी के चलते छह सितंबर को 38 साल के प्रभाकरन पाटिल राजकोट के गिरीराज अस्पताल में भर्ती हुए थे, उनका कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर आठ सितंबर को उन्हें सिविल के कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था। नौ सितंबर को सुबह करीब साढ़े बजे ही उसने वार्ड में हंगामा शुरु कर दिया तथा गले में लगी राईस ट्यूब, आईवीलाइन, और पेशाब की नली निकालने लगा। अपने कपडे खींचने लगा तथा साथी मरीजों पर हमला करने लगा था। उसे काबू में करने के लिए मेडिकल स्टाफ को जबर्दस्ती करनी पडी। उसके परिजनों से बातचीत के बाद मानसिक रोगों के चिकित्सक को भी बुलाया गया, लेकिन वह सीधे तरीके से कोई जवाब नहीं दे रहा था। गाली देने व डॉक्टर के साथ अपशब्द कह रहा था, इसलिए उसका मानसिक उपचार शुरू किया गया था।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद राजकोट सिविल अस्पताल के अधीक्षक ने जनता को इस घटना की सच्चाई बताने के लिए एक वीडियो भी जारी किया था। गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक पूंजाजी वंश ने विधानसभा के नियम 116 के तहत विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी के समक्ष राजकोट के सिविल अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की ओर से कोरोना के एक मरीज के साथ बुरी तरह मारपीट करने व उसकी मौत के मामले को उठाया गया था ।
गुजरात में कोरोना महामारी के सवा लाख मामले सामने आ चुके हैं और मौत का आंकड़ा 3339 तक पहुंच चुका है। उधर, वडोदरा में जहां एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन कर तीन हजार से अधिक लोगों को एकत्र करने पर जिला प्रशासन निशाने पर है वहीं सूरत में कोरोना की रोकथाम के लिए शुरु किये गये धनवंतरी रथ के चालक हड़ताल पर उतर आये हैं।
कोराेना मरीज से मारपीट
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक पूंजाजी वंश ने विधानसभा के नियम 116 के तहत विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी के समक्ष राजकोट के सिविल अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की ओर से कोरोना के एक मरीज के साथ बुरी तरह मारपीट करने से हुई मरीज की मौत के मामले को उठाया गया है। कांग्रेस विधायक ललित कगथरा तथा वि धायक ललित वसोया भी इस मुद्दे पर विधानसभा में अपनी बात रखेंगे। गुजरात में कोरोना के सवा लाख मामले सामने आ चुके हैं, राज्य में अब तक कोरोना महामारी के चलते कोविड 19 वायरस के संक्रमण से 3339 लोगों की मौत हो चुकी है।
अमानवीय बर्ताव पर कांग्रेस खफा
कोरोना के इलाज के दौरान मेडिकल स्टाफ के हिंसक व्यवहार तथा मरीज के साथ अमानवीय बर्ताव पर कांग्रेस खफा है। उधर सिविल अस्पताल राजकोट के मेडिकल अधिकारी का कहना है कि मरीज का व्यवहार काफी उग्र था, उसे काबू में करने के लिए ही मेडिकल स्टाफ को जोर जबर्दस्ती करनी पडी, मरीज के साथ मारपीट की घटना से अस्पताल प्रशासन नकार रहा है लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो अस्पताल प्रशासन के इस झूठ को सबके सामने उजागर कर दिया है।
बिना मास्क धार्मिक कार्यक्रम में तीन हजार लोग हुए एकत्र
मंगलवार को सुबह वडोदरा के खोडियार नगर में एक धार्मिक कार्यक्रम में तीन हजार लोग एकत्र हो गये, वडोदरा में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 11 हजार के करीब पहुंच गई है लेकिन इस समारोह में एक साथ इतने लोगों के एकत्र होने से प्रशासन व पुलिस के भी हाथ पांव फूल गये हैं। सरकार व प्रशासन की कोरोना महामारी पर अंकुश पाने की लगातार कोशिशों व जागरुकता कार्यक्रमों के बावजूद बडी संख्या में बिना मास्क लोगों के एकत्र होने से कोरोना वॉरियर्स का मनोबल भी टूट जाता है। सूरत में कोरोना की रोकथाम के लिए शुरु किए गये धनवंतरी रथ के चालकों ने मंगलवार सुबह अचानक हडताल कर दी। उनकी मांग है कि कॉन्ट्राक्टर उनके वेतन का भुगतान नहीं कर रहा है, जब तक उनका पूरा पगार नहीं मिल जाता है तब तक वे इन रथों को आगे नहीं ले जाएंगे।
विधानसभा के सचेतक पंकज देसाई का कहना है कि सरकार व प्रशासन कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। एक लाख से अधिक लोग इस बीमारी से स्वस्थ होकर घर पहुंचे हैं। अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा व अन्य सभी शहर व कस्बों में स्पेशल कोविड 19 अस्पताल व कोरोना सेंटर का निर्माण कर सरकार ने हर व्यक्ति तक दवा व जरूरी उपायों की जानकारी पहुंचाने का काम किया है।