कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जाखड़ कैप्टन से बोले- क्या लोगों ने हम पर भरोसा करके गलती कर ली?
प्री बजट मीटिंग में कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ फिर से खासे नाराज दिखे। उन्होंने कैप्टन को खरी-खरी सुनाई।
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। विधायकों के साथ हुई प्री बजट मीटिंग में कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ फिर से खासे नाराज दिखे। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सामने यह नाराजगी खुलकर व्यक्त की। यह मामला उस समय उठा जब पटियाला जिले के विधायकों ने पुलिस अफसरों के दुर्व्यवहार की शिकायतें रखीं। इन विधायकों में मदन लाल जलालपुर व समाना के विधायक रजिंदर सिंह शामिल थे।
शिकायतों के अंबार ने जाखड़ का पारा चढ़ा दिया। उन्होंने जलालाबाद थाने का उदाहरण देते हुए कैप्टन से कहा कि 70 से ज्यादा सरपंच जब अपनी फरियाद लेेकर एसएचओ से मिलने जाते हैं तो वह उन्हें बाहर निकाल देता है। फिरोजपुर का आइजी भी उनकी सुनवाई नहीं करतेे। जिस हलके की जनता ने सुखबीर बादल की जीती हुई सीट भारी मार्जिन से जितवाकर हम पर भरोसा जताया, क्या उन्होंने गलती कर ली है?
उन्होंने सीएम से कहा कि यह अकेले जलालाबाद की बात नहीं है, जहां भी पुलिस अफसरों ने हमारे कार्यकर्ताओं व नेताओं के साथ दुर्व्यवहार किया है, उन्हीं अफसरों को आज एसएसपी लगाया है। उन्होंने अमृतसर में लगे एसएसपी का भी उदाहरण दिया, जिन्होंने अमृतसर के सांसद रहते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह के दफ्तर पर ही रेड कर दी थी।
सुरेश कुमार से पूछा- ऐसे अफसरों को क्यों लगाया जो विधायकों की नहीं सुनते
जाखड़ ने मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार से कहा कि ऐसे अफसरों को क्यों लगाया गया है, जो विधायकों तक की बात नहीं सुनते। गौरतलब है कि जाखड़ ने इससे पहले भी प्री बजट बैठक में पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा पर अपना गुस्सा निकाला था। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि आप लगातार सरकार के केस हार रहे हैं, हमने यह सरकार आपकी दुकान चलाने के लिए नहीं बनाई है।
अफसर आपके आदेश को कुछ समझते, आपने ज्यादा ही छूट दे रखी है
पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मुख्यमंत्री से कहा कि वह इस मुद्दे पर अब और नहीं बोलेंगे। यह बात वह आखिरी बार कह रहे हैं। मुझे लगता है कि या तो अफसर आपके आदेशों को कुछ समझते ही नहीं हैं या फिर आपने उन्हें कुछ ज्यादा ही छूट दे रखी है। जाखड़ इससे पहले भी अफसरशाही को ज्यादा छूट देने का मुद्दा उठा चुके हैं। पार्टी के कई विधायक शिकायत कर चुके हैं कि अफसरशाही उनकी नहीं सुनती। शनिवार को पटियाला, संगरूर, मानसा के विधायकों के साथ प्री बजट मीटिंग थी।
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