Move to Jagran APP

कांग्रेस को फिर झटका, उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बने रहेंगे दिनेश प्रताप सिंह

यूपी विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें दलबदल कानून के तहत दिनेश प्रताप सिंह की उच्च सदन की सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई थी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 10:06 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 06:05 AM (IST)
कांग्रेस को फिर झटका, उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बने रहेंगे दिनेश प्रताप सिंह
कांग्रेस को फिर झटका, उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बने रहेंगे दिनेश प्रताप सिंह

लखनऊ, जेएनएन। कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य चुने जाने के बाद भाजपा का दामन थामने वाले एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह उच्च सदन के सदस्य बने रहेंगे। विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने कांग्रेस की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने दलबदल कानून के तहत दिनेश प्रताप सिंह की उच्च सदन की सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी। बतौर एमएलसी दिनेश प्रताप का कार्यकाल सात मार्च 2022 तक है।

loksabha election banner

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के टिकट पर स्थानीय निकाय क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुए दिनेश प्रताप सिंह ने 21 अप्रैल 2018 को अपने गृह जिले रायबरेली में आयोजित भारतीय जनता पार्टी की रैली में भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा में जाने के बाद उन्होंने पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर रायबरेली से कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी के खिलाफ पिछले साल लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार गए थे।

एमएलसी दिनेश प्रताप के पाला बदल कर भाजपा में चले जाने पर विधान परिषद में कांग्रेस के नेता दीपक सिंह ने दलबदल कानून के तहत उनकी सदस्यता समाप्त करे के लिए नौ मई 2018 को याचिका दाखिल की थी। दो साल, दो महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद अब सभापति ने कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी है। यह कहते हुए कि दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता नियमावली, 1987 के तहत याचिका पोषणीय नहीं है। इसलिए इसे खारिज किया जाता है।

गौरतलब है कि कांग्रेस की यह याचिका विधान परिषद की विशेषाधिकार समिति को 26 अगस्त 2019 को भेजी गई थी। विशेषाधिकार समिति ने बीती 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सभापति को दी। इसके बाद सभापति ने याचिका को खारिज करने का निर्णय किया। याचिका को लंबे समय तक लंबित रखने पर दीपक सिंह ने इस मामले में हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।

बता दें कि इसी महीने 13 जुलाई को रायबरेली सदर की कांग्रेस विधायक अदिति सिंह और हरचंदपुर से कांग्रेस विधायक राकेश सिंह की सदस्यता समाप्त करने की याचिका को विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने खारिज कर दिया था। कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा मोना ने 26 नवंबर 2019 को रायबरेली सदर की विधायक अदिति सिंह की सदस्यता समाप्त करने की याचिका दायर की थी। वहीं, रायबरेली जिले की हरचंदपुर सीट से विधायक राकेश सिंह पर दलबदल के तहत कार्रवाई की याचिका गत 31 मई 2019 को दायर की गयी थी। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अदिति और राकेश को कांग्रेस सदस्य मानते हुए साक्ष्यों और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के आधार पर दलबदल कानून के दायरे में नहीं आने की बात कही थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.