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Rajasthan: कांग्रेसियों ने बताई अजय माकन को पीड़ा और मांगे पद

Ajay Maken राजस्थान में मंगलवार सुबह कई नेता अजय माकन से मिलने खासाकोठी होटल में बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता पहुंचे। इनमें अधिकांश नेता अपने बायोडेटा के साथ नजर आए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 06:57 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 06:57 PM (IST)
Rajasthan: कांग्रेसियों ने बताई अजय माकन को पीड़ा और मांगे पद
Rajasthan: कांग्रेसियों ने बताई अजय माकन को पीड़ा और मांगे पद

जागरण संवाददाता, जयपुर। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन के कारण मंगलवार को राजस्थान में राजनीतिक और प्रशासनिक किसी भी तरह की गतिविधि नहीं हो सकी। पहले से तय सभी कार्यक्रम टाल दिए गए। प्रदेश में मंगलवार को दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया। राजकीय कार्यक्रम रद रहे। वहीं, पहले से तय कांग्रेस का फीडबैक कार्यक्रम भी नहीं हो सका। मंगलवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन को प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से सत्ता और संगठन को लेकर फीडबैक लेना था। इसके बाद बुधवार को उन्हें अजमेर जाकर वहां के कांग्रेसियों से मिलना था, लेकिन प्रणव मुखर्जी के निधन के कारण यह कार्यक्रम टाल दिया गया। अब आठ और नौ सितंबर को वे फिर से प्रदेश के दौरे पर आएंगे।

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अजय माकन सड़क मार्ग से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इससे पहले मंगलवार सुबह कई नेता अजय माकन से मिलने खासाकोठी होटल में बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता पहुंचे। इनमें अधिकांश नेता अपने बायोडेटा के साथ नजर आए जो सरकार में राजनीतिक नियुक्ति या प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई बनने वाली कार्यकारिणी में पद चाहते थे। कुछ कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के आपसी विवाद में पार्टी को हो रहे नुकसान की पीड़ा माकन को बताने पहुंचे। इन कांग्रेसियों ने माकन से कहा कि यदि दोनों नेताओं के बीच इसी तरह से विवाद चलता रहा तो पार्टी को अगले विधानसभा और उससे पहले स्थानीय निकाय चुनाव में काफी नुकसान होगा 

उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की आपसी लड़ाई से कार्यकर्ताओं में काफी पीड़ा है। भाजपा इसका राजनीतिक लाभ उठा रही है। इस दौरान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे सुमित भगासरा भी माकन से मिलने पहुंचे। उन्होंने प्रदेश युवक कांग्रेस चुनावी घटनाक्रम तथा विसंगतियों के बारे में जानकारी दी। इससे पहले सोमवार को नेताओं ने मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का काम शीघ्र पूरा करने के लिए कहा। नेताओं का कहना था कि मंत्रिमंडल विस्तार कर विधायकों की नाराजगी को दूर किया जा सकता है। वहीं, कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियों के माध्यम से संतुष्ट किया जा सकता है।


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