UP Assembly by-Polls: जातीय समीकरण व ज्वलंत मुद्दों के साथ विधानसभा उपचुनाव में उतरी कांग्रेस
UP Assembly by-Polls कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व में लगातार सक्रिय पार्टी के लिए विधानसभा के उपचुनाव बहुत अहम हैं क्योंकि इससे न सिर्फ पार्टी द्वारा चुने गए मुद्दों की परख होनी है बल्कि संगठन की मजबूती का भी इशारा मिलेगा।
लखनऊ, जेएनएन। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व में लगातार सक्रिय पार्टी के लिए विधानसभा के उपचुनाव बहुत अहम हैं, क्योंकि इससे न सिर्फ पार्टी द्वारा चुने गए मुद्दों की परख होनी है, बल्कि संगठन की मजबूती का भी इशारा मिलेगा। लिहाजा, पार्टी ने टिकट चयन में जातीय समीकरण साधते हुए दांव लगाया है।
कांग्रेस हाईकमान ने मल्हनी विधानसभा सीट से मंगलवार को राकेश मिश्रा को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इसके साथ ही सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे जा चुके हैं। इस बार पार्टी ने कोशिश यही की है कि पुराने कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाए। साथ ही जातीय समीकरण पर खास ध्यान दिया है। इन दिनों ब्राह्मण प्रेम दिखाने की होड़ हर दल में मची है। कांग्रेस ने भी उपचुनाव के टिकटों से यह संदेश देने का प्रयास किया है। रामपुर की स्वार सीट पर अभी मतदान नहीं होना है, फिर भी कांग्रेस ने उसके सहित आठों सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इनमें तीन ब्राह्मण हैं।
बांगरमऊ से आरती बाजपेयी, मल्हनी से राकेश मिश्रा और देवरिया से मुकुंद भाष्कर मणि हैं। दो अनुसूचित जाति के प्रत्याशी हैं, घाटमपुर से डॉ.कृपाशंकर और टूंडला से स्नेहलता। वहीं, नौगवां सादात से क्षत्रिय डॉ.कमलेश सिंह, बुलंदशहर से पिछड़ा वर्ग के अनिल चौधरी और स्वार से हमजा मियां को टिकट दिया है। इन जातीय समीकरणों के साथ ही पार्टी प्रदेश की कानून व्यवस्था, दलित उत्पीड़न, ताजा हाथरस कांड और कृषि कानूनों को लेकर जनता के बीच है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के परिणाम बताएंगे कि कांग्रेस का इस दिशा में आगे बढ़ना विधानसभा चुनाव, 2022 के लिहाज से कितना मुफीद होगा। प्रदेश प्रवक्ता बृजेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि पार्टी ने जमीनी कार्यकर्ताओं को टिकट दिया है। जनता के मुद्दे उठाए जा रहे हैं और भेदभाव से किनारा करते हुए जातीय समीकरणों का भी ध्यान रखा गया है। इस लिहाज से कांग्रेस अन्य प्रतिद्वंद्वी दलों की तुलना में काफी मजबूत है।