MP : कम्प्यूटर बाबा ने संतों के दबाव में राज्यमंत्री का दर्जा लौटाया
कम्प्यूटर बाबा से सोमवार को साधु-संतों ने दबाव डालकर इस्तीफा दिलवा दिया।
भोपाल, नई दुनिया ब्यूरो । मध्य प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त और जन जागरूकता अभियान समिति के सदस्य कम्प्यूटर बाबा से सोमवार को साधु-संतों ने दबाव डालकर इस्तीफा दिलवा दिया।
शिवराज सरकार से नाराज साधु-संतों की दो दिन से चल रही बैठक में बार-बार कम्प्यूटर बाबा पर इस्तीफे का दबाव बनाया गया, लेकिन वह सोमवार दोपहर तक इन्कार करते रहे। वह इसे विरोधियों द्वारा साजिश बताते रहे, लेकिन सोमवार को शाम होते-होते उन्हें साधु-संतों की जिद के आगे झुकना पड़ा और उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
सूत्रों के मुताबिक, साधु-संतों की बैठक में कम्प्यूटर बाबा बार-बार यही बोलते रहे कि हम सब मुख्यमंत्री निवास चलकर अपनी मांग बताएंगे और वहीं फैसला करेंगे, लेकिन साधु-संतों ने उनकी नहीं सुनी।
बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में उन्हें कहना पड़ा कि साधु-संतों के आदेश पर मैं इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस्तीफा भेज दिया है। गौरतलब है कि कम्प्यूटर ने नर्मदा नदी से जुड़े घोटालों का पर्दाफाश करने की सरकार को धमकी दी थी। इसके बाद सरकार ने कम्प्यूटर बाबा सहित पांच साधु-संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया था। यह फैसला काफी विवादों में रहा था।
चुनाव लड़ना चाहते थे बाबा
कम्प्यूटर बाबा विधानसभा चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा जता चुके थे। उन्होंने कई बार कहा कि मुख्यमंत्री कहेंगे तो चुनाव जरूर लड़ेंगे। हालांकि, इस्तीफा देने के बाद वे इससे मुकर गए। कम्प्यूटर बाबा षटदर्शन समिति के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इस समिति के महासचिव स्वामी नवीनानंद ने कहा कि कम्प्यूटर बाबा या तो संतों का काम करवाएं या इस्तीफा दें। वे सरकार के चमचे बनकर न बैठे रहें।
यह बताई वजह
कम्प्यूटर बाबा ने बताया कि संतो ने मुझसे कहा कि आप संतों के हित में शिवराज सरकार से कोई भी काम करवाने में असफल रहे हैं। संतों ने मुझे सौ में से शून्य नंबर दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में रहने के बाद भी मेरी एक नहीं सुनी गई। मुख्यमंत्री से उम्मीद थी कि संतों की बातों को तवज्जो देंगे। हजार बार बोला, लेकिन वे मिलने को भी तैयार नहीं हैं। संतों की मंगलवार को भी एक बैठक हो रही है, जिसमें हम आगे की रणनीति तय करेंगे।
योगेंद्र महंत बोले-शिवराज पर गलत आरोप
नर्मदा समिति में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त सदस्य योगेंद्र महंत ने कहा कि वे इस्तीफा नहीं देंगे। सरकार ने उन्हें नर्मदा संरक्षण और पर्यावरण सुधारने की जो जिम्मेदारी दी है, वे उसे निभा रहे हैं। कम्प्यूटर बाबा के इस्तीफे को लेकर कहा कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है। सरकार पर धर्मविरोधी होने के आरोप को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि ये गलत है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की धर्म के प्रति पूरी आस्था है, तभी उन्होंने पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है।
उल्लेखनीय है कि कम्प्यूटर बाबा ने नर्मदा के संरक्षण के लिए पिछले दिनों एक यात्रा का ऐलान किया था। इससे पहले उन्होंने सरकार से अपील की थी कि वह नर्मदा नदी को संरक्षित करने के लिए अलग से एक मंत्रालय का गठन करें। उनके अनुसार नर्मदा नदी की वर्तमान स्थिति ठीक नहीं है और इसके लिए एक मंत्रालय जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार से गोरक्षा के लिए जितनी सुविधाओं की जरूरत है, उतनी ही सुविधाओं की आवश्यकता नर्मदा नदी के लिए भी है।