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CM Yogi Aditynath in Action : भ्रष्टाचार तथा कार्य में शिथिलता पर बड़ी कार्रवाई, सात पीपीएस अफसर को VRS

CM Yogi Aditynath in Action प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के साथ ही काम में लापरवाही पर बेहद सख्त हो रही है। इसी क्रम में गुरुवार की इस कार्रवाई को बेहद अहम माना जा रहा है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 11:28 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 04:57 PM (IST)
CM Yogi Aditynath in Action : भ्रष्टाचार तथा कार्य में शिथिलता पर बड़ी कार्रवाई, सात पीपीएस अफसर को VRS
CM Yogi Aditynath in Action : भ्रष्टाचार तथा कार्य में शिथिलता पर बड़ी कार्रवाई, सात पीपीएस अफसर को VRS

लखनऊ, जेएनएन। भ्रष्टाचार तथा कार्य में शिथिलता पर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बेहद सख्त है। हर विभाग में सुस्त तथा भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इसी क्रम में सात पीपीएस अफसरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। इनको अनिवार्य सेवानिवृति प्रदान की गई है। शासन ने सात पुलिस उपाधीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्त दी ।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए गुरुवार को प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर डीजीपी ओपी सिंह ने बड़ा एक्शन लेते हुए सात पीपीएस अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त दे दी है। वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-2, भाग-2 से 4 तक में दिए गए अद्यावधिक संशोधित फण्डामेंटल रूल, 56 के खण्ड (सी) के अधिकारों के अन्तर्गत सरकारी सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रान्तीय सेवा संवर्ग के 7 पुलिस अधीक्षकों व सहायक सेनानायकों (जिनकी उम्र 31-03-2019 को 50 वर्ष अथवा इससे अधिक थी) को अनिवार्य सेवानिवृत्त करने की स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट पर शासन ने फैसला लेते हुए उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्त प्रदान की है।

प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के साथ ही काम में लापरवाही पर बेहद सख्त हो रही है। इसी क्रम में गुरुवार की इस कार्रवाई को बेहद अहम माना जा रहा है। सरकार ने सात पीपीएस अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृति प्रदान की है। इनको सेवा से ही खारिज कर दिया गया है। इनके खिलाफ जांच में गंभीर मामले सामने आए हैं। इन अफसरों की उम्र 50 व इससे अधिक थी। सरकार ने स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट पर निर्णय लेते हुए इन अफसरों को सेवानिवृत्ति दे दी। 

पीपीएस अधिकारियों में 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा के सहायक सेनानायक अरुण कुमार, अयोध्या के पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार राना, आगरा के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह राना, 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी के सहायक सेनानायक रतन कुमार यादव, 27वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर के सहायक सेनानायक तेजवीर सिंह यादव, मुरादाबाद के मण्डलाधिकारी संतोष कुमार सिंह, 30वीं वाहिनी पीएसी गोण्डा के सहायक सेनानायक तनवीर अहमद खां को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गई है। इन सभी की आयु 50 वर्ष से अधिक है और इनके ऊपर कार्य में शिथिलता तथा अन्य कई आरोप लगे हैं। सरकार ने स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट पर निर्णय लेते हुए इन अफसरों को सेवानिवृत्ति दे दी।

600 से अधिक पर कार्रवाई

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर सख्ती से अमल करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दो वर्ष में 600 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें से 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को योगी आदित्यनाथ सरकार ने जबरन रिटायर किया है। 400 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को वृहद दंड दिया गया है। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले दो वर्ष के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कार्रवाई की है, वो देश में अब तक किसी भी प्रदेश सरकार के उठाए गए कदम से बहुत बड़ी है। राज्य सरकार ने 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट दिया है। सौ से अधिक अधिकारी अभी भी सरकार के रडार पर हैं। इनके खिलाफ भी शीघ्र ही कार्रवाई होगी।

इससे पहले प्रदेश सरकार ने 16 नवंबर 2017 को 50 साल से अधिक उम्र के दागदार अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 16 अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया था। इसमें तीन डीएसपी भी शामिल थे। इन सभी के खिलाफ किसी न किसी मामले में जांच चल रही थी, जिसमें भ्रष्टाचार और अक्षमता के आरोप थे। दागदार सेवा और अपेक्षा से कम कार्यक्षमता के आधार पर चिह्नित किए प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) के जिन तीन अफसरों को जबरन रिटायर किया गया था, उनमें डीएसपी केश करन सिंह, कमल यादव व श्यारोज सिंह शामिल थे। इन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का आदेश गृह विभाग की ओर से जारी किया गया था। 

इससे पहले भी कई विभागों में बड़ा एक्शन

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जीरो टालरेंस पर काम कर रही है। बीते दो वर्ष में योगी आदित्यनाथ सरकार ने अलग-अलग विभागों के 200 से ज्यादा अफसर व कर्मचारी को जबरन रिटायर किया है। इन दो वर्षों में योगी आदित्यनाथ सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और डिमोशन जैसे दंड भी दिए हैं। ऊर्जा विभाग में 169 अधिकारियों, गृह विभाग के 51 अधिकारियों, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के 37 अधिकारियों, राजस्व विभाग के 36 अधिकारियों, बेसिक शिक्षा के 26 अधिकारियों, पंचायतीराज के 25 अधिकारियों, पीडब्ल्यूडी के 18 अधिकारियों, लेबर डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, संस्थागत वित्त विभाग के 16 अधिकारियों, कामर्शियल टैक्स के 16 अधिकारियों, इंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, ग्राम्य विकास के 15 अधिकारियों, वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी है।


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