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सीएम योगी ने विभागों से मांगी छह माह में पंद्रह लाख लोगों को रोजगार देने की ठोस कार्ययोजना

अभी लॉकडाउन की व्यवस्थाओं में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इसके बाद संभावित रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 10:54 PM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2020 10:55 PM (IST)
सीएम योगी ने विभागों से मांगी छह माह में पंद्रह लाख लोगों को रोजगार देने की ठोस कार्ययोजना
सीएम योगी ने विभागों से मांगी छह माह में पंद्रह लाख लोगों को रोजगार देने की ठोस कार्ययोजना

लखनऊ, जेएनएन। अभी लॉकडाउन की व्यवस्थाओं में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इसके बाद संभावित रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन से छह माह में पंद्रह लाख रोजगार सृजित करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विभिन्न विभागों से ठोस कार्ययोजना एक सप्ताह में मांगी है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर प्रदेश में रोजगार सृजन संबंधी प्रस्तुतिकरण देखा। सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री शिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) प्रोत्साहन योजना का लाभ एक वर्ष में एक लाख युवाओं दिलाना है। इस योजना के तहत दो लाख युवाओं को जोड़ने की कार्ययोजना बनाएं। आर्थिक स्वावलंबन के लिए युवाओं को युवा हब के माध्यम से भी रोजगार दिलाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एमएसएमई और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत रोजगार सृजन की व्यापक संभावनाएं हैं। इनके माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए स्कूल यूनिफार्म और स्वेटर बनाने का प्रशिक्षण देकर सिलाई और स्वेटर मशीनें महिला स्वयंसेवी समूहों उपलब्ध कराकर रोजगार दिया जाए। इसी प्रकार खाद्य और फल प्रसंस्करण भी माध्यम हो सकता है। व्यापक स्तर पर मास्क बनाने का काम शुरू कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खादी के क्षेत्र में सोलर चरखों और सोलर लूम स्थापित कर प्रशिक्षण दिया जाए। उत्कृष्ट कंबलों के निर्माण और नए स्वरोजगार को प्राथमिकता दें। मुख्यमंत्री ने ग्राम स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर को मजबूत बनाते हुए इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कहा। व्यापक पैमाने पर दुग्ध समितियों का गठन कर डेरी उद्योग को मजबूत कर सकते हैं। इसके अलावा भी योगी ने कई सुझाव और निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह (मोती सिंह), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह भी उपस्थित थे।


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