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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, अयोध्या के दीपोत्सव की तरह ही मनाई जाएगी मथुरा की जन्माष्टमी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या के दीपोत्सव काशी की देव दीपावली की तर्ज पर मथुरा में जन्माष्टमी का भी भव्य आयोजन किया जाना चाहिए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 10:55 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 09:10 AM (IST)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, अयोध्या के दीपोत्सव की तरह ही मनाई जाएगी मथुरा की जन्माष्टमी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, अयोध्या के दीपोत्सव की तरह ही मनाई जाएगी मथुरा की जन्माष्टमी

लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या, काशी और मथुरा के धर्म स्थलों के जरिये योगी सरकार अपने एजेंडे को धार दे रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि अयोध्या के दीपोत्सव, काशी की देव दीपावली, विंध्याचल के नवरात्र और पुरी की जगन्नाथ यात्रा की तर्ज पर मथुरा में जन्माष्टमी का आयोजन 'यूनीक इवेंट' के रूप में किया जाए। ऐसा करते समय यह ध्यान रखें कि पर्व की मूल आत्मा बरकरार रहे।

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उन्होंने कहा कि यदि आप ऐसा करने में सक्षम रहे, तो हमारे सभी पर्व और त्यौहार स्थानीय न होकर वैश्विक हो जाएंगे। देश दुनिया के पर्यटक यहां खिंचे चले आएंगे, इससे पर्यटन की संभावनाओं में चार चांद लग जाएंगे। स्थानीय स्तर पर लोगों को बड़े पैमाने पर रोजी-रोजगार भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोकभवन में ब्रज तीर्थ विकास बोर्ड की दूसरी बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि निर्णय तेजी से लें काम की गुणवत्ता और मानक को बनाए रखते हुए हर हाल में इसे समय पर पूरा करें। गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के लिए हर काम की थर्ड पार्टी मॉनीटरिंग भी कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण से संबंधित मथुरा के सभी स्थानों पर रोशनी के लिए रंगीन एलईडी लाइट लगवाएं। मंदिरों, घरों और सड़कों पर भी इसी तरह व्यवस्था करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थ स्थानों से पूरी दुनिया को संदेश जाता है, इसलिए वहां कि साफ-सफाई, पर्यटकों की मूलभूत सुविधाओं और सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखें। तीर्थ स्थानों पर पॉलीथिन के बैन को प्रभावी तरीके से लागू करें। जो भी उत्पाद प्लास्टिक या पॉलीथिन में बिकते हैं उन पर प्रतिबंध लगाएं, साथ ही लोगों को पॉलीथिन, प्लास्टिक और थर्माकोल के खतरे के प्रति जागरूक करें।

मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण के लिए पौधरोपण पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं। प्रत्येक जिले के लिए एक विशिष्ट योजना तैयार करें। यदि आवश्यक हो तो विभाग में प्रतिनियुक्ति पर योग्य अधिकारियों की नियुक्ति करें। इको-टूरिज्म की संभावनाओं को देखते हुए वन विभाग के अधिकारी इस संबंध में बहुत मददगार हो सकते हैं।

बैठक में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर विंध्याचल के समग्र विकास के लिए भी चर्चा हुई। मंदिरों में चढ़ावे के उपयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि ब्रज तीर्थ विकास बोर्ड का गठन 20 अगस्त 2017 को किया गया था और यह बोर्ड की दूसरी बैठक थी। 2018-19 में क्षेत्र के विकास के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया और 86 करोड़ की अनुमति दी गई। इस समय लगभग दो दर्जन परियोजनाओं पर काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने परियोजनाओं को नवंबर से पहले पूरा करने का निर्देश दिया है। बैठक में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे, ब्रज तीर्थ विकास बोर्ड की उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्रा, अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी और संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।


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