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पीएम मोदी ने जो कहा-वो किया, देश तरक्की के मार्ग पर : योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत को टीबी और फाइलेरिया से मुक्त करना है। पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खुलेंगे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 11:17 AM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 10:13 PM (IST)
पीएम मोदी ने जो कहा-वो किया, देश तरक्की के मार्ग पर : योगी आदित्यनाथ
पीएम मोदी ने जो कहा-वो किया, देश तरक्की के मार्ग पर : योगी आदित्यनाथ

अयोध्या, जेएनएन। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन होने के बाद रविवार को पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंचे। यहां उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश विकास कर रहा है। मोदी जी ने जो कहा, वो हमने किया। देश की आकांक्षाओं के प्रतीक कश्मीर में धारा 370 को हटाना, तीन तलाक को प्रथा को प्रबंधित करना, देश के अंदर एक नागरिक कानून में संशोधन करके दुनिया के पीडि़त मानव को शरण देने की पारदर्शी व्यवस्था बनाना चाहे के साथ अयोध्या में राम मंदिर मार्ग को प्रशस्त करना नेतृत्व का प्रतीक है। अयोध्या वासियों की तरफ से मैं पीएम नरेंद्र मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह का अभिनंदन करता हूं। करीब चार घंटा के प्रवास के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने आरोग्य मेला का उद्घाटन किया। 

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यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सूर्यकुंड पर आरोग्य मेला आयोजित किया जा रहा है। प्रदेश के अंदर यह चौथा आरोग्य मेला है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मेले का आयोजन किया जा रहा है। उसी श्रृंखला में ऐतिहासिक सूर्यकुंड परिसर में मुझे भी इस मेले में आप सबके साथ सहभागी बनने का सौभाग्य मिला है।

यह कार्यक्रम एक साथ प्रदेश के अंदर 4000 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित किया जा रहा है। अगर सभी लोग जागरूक होकर शासन की योजनाओं को गरीबों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हो जाए तो कोई कारण नहीं कोई भी गरीब बीमार होकर दवा के अभाव में नहीं मर सकता, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी जी ने आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराया है। हर व्यक्ति आयुष्मान कार्ड का गोल्डन कार्ड जरूर बनवा ले। उस व्यक्ति को पांच लाख तक स्वास्थ्य बीमा प्रतिवर्ष मिल रही है। इस कार्यक्रम को अनिवार्य रूप से युद्धस्तर पर बढ़ाया जा रहा है।

 

भारत को टीबी और फाइलेरिया बीमारी से मुक्‍त कराना

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को टीबी(ट्यूबरकुल बेसिलाइ) से मुक्त करना है। भारत को फाइलेरिया जैसी तमाम बीमारियों से मुक्त करना है। इस कार्यक्रम को भी अपने हाथों में लेना है। इसके लिए आरोग्य मेला बहुत बड़ी देन है। पिछले तीन वर्ष के दौरान प्रदेश के अंदर स्वास्थ्य जागरूकता के अनेक कार्यक्रम चलाए गए हैं। 1947 से 2016 तक प्रदेश के अंदर केवल 12 मेडिकल कॉलेज थे। 2016 से 2019 के बीच मात्र तीन वर्ष के दौरान हमारी सरकार ने प्रदेश के अंदर 28 मेडिकल कालेज की नींव रखी। सात मेडिकल कॉलेज शुरु कर दिया गया है, 13 मेडिकल कॉलेज बनाने जा रहे हैं। प्रदेश में जहां मेडिकल कॉलेज नहीं है वहां पर बनाए जाएंगे। हर जनपद में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी।

बच्चों को पिलाया दूध 

आरोग्य मेले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छोटे बच्चों को अपने हाथों से दूध पिलाया। उन्होंने कटोरी में रखे दूध को बच्चों को चम्मच से पिलाया और बच्चों के उज्वल भविष्य की कामना भी की। इस दौरान वे बच्चों से अठखेलियां भी करते नजर आए। 

फैसले के बाद सीएम ने पहली बार किया रामलला का दर्शन

गत नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार रामलला का दर्शन किया। इस दौरान रामलला के प्रति उनका चिरपरिचित अनुराग परिलक्षित हुआ। रामलला के दर्शन से पूर्व उन्होंने हनुमानगढ़ी में भी दर्शन-पूजन किया। साथ ही मंदिर आंदोलन के संवाहक दो शीर्ष संतों की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की और अपने उद्बोधन से रामलला के प्रति आस्था का खुल कर इजहार किया। मेले का निरीक्षण कर सीएम योगी आदित्यनाथ हनुमान गढ़ी में दर्शन करने पहुंचे। वहीं, दो छोटी बच्चियों को देख रुके सीएम योगी रूक गए। दोनों बच्चियां भार्गवी सिंह (4 साल) व शुभी शर्मा (5 साल) परिवार के साथ दर्शन करने प्रतापगढ़ व हिमांचल से आई थी। सीएम ने बच्चियों से हालचाल व शिक्षा के बारे भी पूछा। उसके बाद उनको आशीर्वाद दिया। 

पूर्वाह्न 10:35 बजे हवाई पट्टी पर हेलीकाप्टर से उतरने के बाद उन्होंने रामनगरी से ही लगे सूर्यकुंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आरोग्य मेला का उद्घाटन किया। इसके बाद उनका काफिला सरयू तट स्थित फटिकशिला आश्रम पहुंचा, जो इन दिनों अपने संस्थापक संत तपस्वी नारायणदास की 103वीं जयंती के अवसर पर 10 दिवसीय सीताराम जप महायज्ञ से गुलजार है। महायज्ञ के मंच से विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, राममंदिर के लिए सतत महानुष्ठान करने वाले तपस्वी नारायणदास भले ही इस धराधाम पर नहीं हैं, पर मंदिर निर्माण प्रशस्त होने से उनकी आत्मा को बहुत शांति मिल रही होगी। इससे पूर्व जप महायज्ञ के संयोजक एवं फटिकशिला के वर्तमान महंत शुकदेवदास ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए उन्हें संत समाज का गौरव बताया। 

हम सौभाग्यशाली देख पाएंगे राममंदिर का निर्माण : योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री का अगला पड़ाव सुग्रीव किला बना। यहां मुख्यमंत्री ने प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर किला के प्रथम आचार्य एवं मंदिर आंदोलन के शीर्ष संरक्षकों में शुमार जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य की प्रतिमा एवं गरुड़ स्तंभ का अनावरण करने के साथ स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य की स्मृति में आयोजित संत सम्मेलन को भी संबोधित किया। करीब 25 मिनट के उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने राममंदिर से पार्टी का सरोकार अर्पित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, देशवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास किया है, तो हमें धैर्य नहीं खोना चाहिए, हम सबको भगवान राम की मर्यादा का उल्लंघन नहीं करना है और न करने देना है। पांच सदी के दौरान मंदिर निर्माण की साध लिए न जाने कितनी पीढियां चली गईं, हम लोग सौभग्यशाली हैं कि भगवान राम का मंदिर बनते देख पाएंगे।

उन्होंने कहा कि बिना भेदभाव के 130 करोड़ लोगों को आवास देना, आयुष्मान भारत योजना के तहत लोगों को पांच तक के स्वास्थ्य बीमा से अच्छादित करना, उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना, किसान सम्मान योजना में किसी के साथ कोई भेद-भाव नहीं किया गया है और इन योजनाओं का लाभ सभी धर्मों एवं जातियों के लोगो को मिला है। उन्होंने राममंदिर निर्माण का समीकरण दीपोत्सव से भी स्थापित किया। कहा पिछले वर्ष दीपोत्सव में पांच लाख 50 हजार दीप जले थे, अयोध्या के हर घर में दीप जले थे, पूरी अयोध्या एक जुट हुई और भगवान ने आपकी प्रार्थना सुनी, राममंदिर का निर्णय इसी प्रार्थना का परिणाम है। इससे पूर्व फटिकशिला के संचालित सीताराम नाम जप महायज्ञ के मंच से मुख्यमंत्री ने कहा, अयोध्या पावन धरती है और इसका सप्तपुरियों में प्रथम स्थान है। विगत पांच सौ वर्षों में रामजन्मभूमि आंदोलन के लिए अनेक महापुरुषों ने अपनी आहुति दी, जिसमें महंत रामचंद्र परमहंस, महंत अवेद्यनाथ, अशोक सिंहल, आचार्य गिरिराज किशोर सहित ब्रह्मलीन स्वामी नारायणदास का बहुत योगदान है। रामलला के हक में आए सुप्रीम फैसले के ही आलोक में उन्होंने कहा, इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीमकोर्ट एवं इस फैसले को शिरोधार्य करने वाली देश की जनता का अभिनंदन करता हूं। मुख्यमंत्री ने राम नाम की महिमा पर भी प्रकाश डाला। कहा, नाम संकीर्तन हर व्याधि से मुक्ति का माध्यम है और ब्रह्म की तरह राम नाम भी शाश्वत सत्य है। 

सुप्रीमकोर्ट ने मिसाल कायम की

मंदिर निर्माण की संभावना प्रशस्त होने पर मुख्यमंत्री ने सुप्रीमकोर्ट की भी भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा, भारत के सुप्रीमकोर्ट ने दुनिया के सात सौ करोड़ लोगों के सामने मिसाल कायम की है और राममंदिर के मामले में निर्णय कर बताया कि न्यायालय क्या कर सकता है। 


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