Gujarat: सीएम रुपाणी का कांग्रेस पर वार कहा, गाय से प्यार न करने वालों पर दया नहीं
बजट अभिभाषण पर आखिरी दिन मुख्यमंत्री रुपाणी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा जिन्हें गाय के प्रति दया नहीं सरकार को उनके प्रति दया नहीं है।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन गया था, भाई-भतीजावाद सिर चढ़कर बोल रहा था, दंगा, हिंसा व कफ्र्यू, अकाल, किसानों की बदहाली गुजरात की पहचान बन गए थे। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने तीस साल पहले तक के गुजरात की तस्वीर खींचते हुए कांग्रेस पर हमला बोला।
राज्यपाल के अभिभाषण पर आखिरी दिन अपने वक्तव्य में मुख्यमंत्री रुपाणी ने कहा कि गुजरात 1960 में जब महाराष्ट्र से अलग हुआ तो करीब साढ़े तीन दशक तक गुजरात में विकास की कोई दिशा भी तय नहीं थी। प्रशासन भ्रष्टचार में लिप्त था, किसानों को उनके उत्पादन का भाव नहीं मिलता था, सरकारी सहायता बिचौलियों के चलते आम आदमी तक पहुंचती नहीं थी। शिक्षा, रोजगार व नौकरियों के सीमित साधनों के चलते युवाओं में निराशा का भाव था। जल संकट के बावजूद जल संरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं हुई, पीने के पानी के लिए भी ट्रेन चलानी पडती थी।
लेकिन 2001 में गुजरात ने 360 डिग्री का परिवर्तन देखा, गुजरात में विकास की राजनीति का नया कॉन्सेप्ट आया। सरकार ने द्रढता पूर्वक विकास की नीति का पालन करते हुए हर वर्ग को विकास में भागीदार बनाया। युवाओं को सरकारी नौकरियों से जोडा वहीं किसानों के लिए 38 सौ करोड़ का पैकेज घोषित किया। औद्योगिक उत्पादन के साथ राज्य ने एग्रीकल्चर, पशुपालन, आधुनिक खेती में नित नई उपलब्धी हासिल की। गुजरात सरकार ने पहली बार विकास दर दो अंकों तक पहुंचाई।
सौनी योजना के जरिए कच्छ व सौराष्ट्रर तक पेयजल व सिंचाई के लिए पानी पहुंचाया। सरकार ने अपराध व भ्रष्टाचार के साथ जीरो टोलरेंस के साथ जंग छेडी जिसका लाभ अब गुजरात की जनता को होने लगा है। नशाबंदी व शराबबंदी की बुराई से लडऩे के लिए जहां कानून में सख्त प्रावधान किए वहीं आतंकवाद से निपटने के लिए गुजकोटोक जैसा कानून पारित कराया। राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन करने के साथ डिजीटल लेंड रिकार्ड की व्यवस्था की गई ताकि इसमें होने वाली अनियमितताएं व धोखाधडी को रोका जा सके। रुपाणी ने कहा आज 1800 किमी. की गेस ग्रिड गुजरात में है, गांव वशहरों में सीसीटीवी नेटवर्क विकसित किया गया है।
राज्य में गौहत्या पर पाबंदी है, जिन्हें गाय के प्रति दया नहीं सरकार को उनके प्रति दया नहीं है। वर्ष 1990-91 में राज्य का बजट 5500 करोड़ रु था जो 2020-21 में 2 लाख 17 हजार करोड़ को पार कर गया। भारत के कुल जीएसडीपी का 7,7 प्रतिशत यानि 13 लाख 15 हजार करोड़ का हिस्सा गुजरात का है। देश की प्रति व्यक्ति आय 1लाख 15 हजार के करीब हैलेकिन गुजरात की प्रतिव्यक्ति आय 1 लाख 75 हजार के करीब पहुंच गई है। रुपाणी ने कहा कि गुजरात सरकार ने विकासकी नई ऊंचाईयों को हासिल किया है, वित्तमंत्री नीतिन पटेल ने अपने सर्वग्राही बजट में राज्य के हर वर्ग की खुशहाली व विकास का खयाल रखा है।
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