विधान परिषद के एमएलसी बनेेंगे उद्धव ठाकरे, संवैधानिक संकट टालने के लिए कैबिनेट का फैसला
महाराष्ट्र में एमएलसी चुनाव नहीं हाे सके हैंं ऐसे में राज्यपाल की तरफ से मनोनीत किए जाने वाले दो सीटाेें में ए क पर मुख्यमंत्री ठाकरे के नाम की सिफारिश।
मुंबई, एएनआइ। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तो बन गए लेकिन अभी तक वह विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं बन पाये हैं। कोरोना वायरस के चलते एमएलसी चुनाव भी नहीं हो सके। ऐसे में महाराष्ट्र कैबिनेट ने उन्हें राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तरफ से मनोनीत किये जाने को लेकर प्रस्ताव भेजने का निर्णय किया है।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के अनुसार, राज्यपाल की तरफ से मनोनीत किए जाने वाले दो सदस्यों के खाली पदों में एक सीट के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम की सिफारिश की जाएगी। बता दें कि कोरोना वायरस के कारण एमएलसी चुनाव अभी नहीं करवाये जा सकते हैं। ऐसा संवैधानिक संकट को टालने की कारण किया जा रहा है।'
बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के कारण एमएलसी चुनाव टाल दिये गये थे। इसके बाद से ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर संकट मंडरा रहा था। हालांकि अब संकट के बादल छंटते हुए दिख रहे हैं। संविधान की धारा 164 (4) के अनुसार किसी भी राज्य का मुख्यमंत्री के लिए अनिवार्य है कि वह छह माह के अंदर ही सदन का सदस्य बन जाये। ज्ञात हो कि उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसलिए ये जरूरी था कि इस पद पर बने रहने के लिए 28 मई से पहले वह विधानमंडल सदस्य बन जायें।
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में कभी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। उनके पुत्र आदित्य ठाकरे इस परिवार से चुनाव लड़ने वाले पहले सदस्य थे। चुनाव के बाद जब भाजपा से रिश्ता बिगड़ा तो शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। गठबंधन करने वाले सहयोगियों ने उद्धव को मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन किया जिसके बाद उद्धव ने सत्ता संभाल ली।
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