CM कैप्टन अमरिंदर सिंह बोले- पंजाब में लागू नहीं करेंगे सीएए, केंद्र नहीं कर सकता मजबूर
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कहा है कि वह अपने राज्य में सीएए कानून लागू नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसे लागू करने के लिए मजबूर नहीं कर सकती।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिेंदर सिंह ने साफ कहा है कि पंजाब में सीएए (CAA) कानून लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस कानून को लागू करने के लिए विवश नहीं कर सकती है। उन्होंने सीएए पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज चौहान के लुधियाना में दिए बयान की निंदा की। चौहान ने कहा था कि सीएए को हर हाल में लागू करना होगा। अमरिंदर ने कहा, भाजपा को अपने इस जिद्दी और अडिय़ल रवैये की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि जब एक चुनी हुई सरकार लोगों की आवाज नहीं सुनती है तो उसका पतन निश्चित है। उन्होंने कहा कि सीएए पर भाजपा का रुख खतरनाक फासीवाद पहुंच वाला है जो उनको ले डूबेगा। उन्होंने कहा कि वह इस विभाजनकारी कानून को पंजाब में लागू नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, 'आप (केंद्र सरकार) हमें इसे लागू करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। न ही मैं और न ही कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान में सिखों की तरह दूसरे देशों में पीडि़त अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के खिलाफ है। हम मुस्लिमों सहित कुछ धर्मों के लोगों के साथ किए जा रहे भेदभाव के कारण सीएए के विरोधी हैं।'
शिवराज चौहान के बयान पर कैप्टन ने कहा कि विवादित नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ देशव्यापी रोष प्रदर्शन के बावजूद भाजपा सरकार कानून की असंवैधानिकता को मानने से मुंह मोड़े हुए है। बता दें शिवराज चौहान ने लुधियाना में कहा था कि यह कानून हर हाल में लागू करना होगा। इस पर कैप्टन ने कहा कि चौहान दूसरे भाजपा नेताओं की तरह सीएए के बुरे प्रभावों से अवगत नहीं है और न ही वह इसके बारे में जानना चाहते हैं। चौहान को इसका बिल्कुल भी इल्म नहीं है कि वह क्या कह रहे हैं और न ही उन्होंने इस कानून का अध्ययन करने का कष्ट किया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सीएए अब सत्ताधारी भाजपा और इसके नेताओं के लिए अहंकार का मुद्दा बन गया है जिन्होंने अपनी आंखें बंद कर ली हैं। सीएए और एनआरसी देश के लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाएगा।
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