Move to Jagran APP

चौटाला परिवार की कलह: चाचा और भतीजे की लड़ाई में देवीलाल-चौटाला भक्त हुए तटस्थ

चौटाला परिवार के विवाद में अब इनेलो सुप्रीमो आेमप्रकाश चौटाला के तेवर कुछ ढ़ीेले प़ड़ते दिख रहे हैं। इसका कारण दुष्‍यंत और दिग्विजय चौटाला की मां नैना चौटाला के आक्रामक तेवर हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 09:34 AM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 09:40 AM (IST)
चौटाला परिवार की कलह: चाचा और भतीजे की लड़ाई में देवीलाल-चौटाला भक्त हुए तटस्थ
चौटाला परिवार की कलह: चाचा और भतीजे की लड़ाई में देवीलाल-चौटाला भक्त हुए तटस्थ

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। चौटाला परिवार की कलह में इनेलो सुप्रीमाे आेम प्रकाश चौटाला आैर पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पुराने भक्‍त तटस्‍थ हैं। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला (चाचा)  और हिसार से पार्टी सांसद दुष्यंत चौटाला, इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला (भतीजे) के बीच दूरियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। इससे ताऊ देवीलाल तथा ओमप्रकाश चौटाला के वर्षों पुराने भक्त व उनके परिजन भी असमंजस में हैं कि चाचा-भतीजे की लड़ाई में किसके साथ जाएं। दूसरी ओर, दुष्‍यंत और दिग्विजय को इनेलाे से निष्‍कासित करने के मूड में नजर आ रहे आेमप्रकाश चौटाला के तेवर कुछ ढीले पड़ गए हैं। इसका कारण दोनों की मां नैना चौटाला के आक्रामक तेवर को माना जा रहा है।

prime article banner

बड़ी बहू नैना चौटाला के आक्रामक तेवर के आगे सख्त निर्णय से पीछे हटे पार्टी सुप्रीमो

काफी ऐसे कार्यकर्ता जिन्हें चुनावी राजनीति नहीं करनी है, वे फिलहाल तटस्थ की भूमिका में आ गए हैं। ये न तो अभय और न ही दुष्यंत-दिग्विजय के आयोजनों में जा रहे हैं। इसके चलते हरियाणा की प्रमुख विपक्षी पार्टी  इनेलो को राजनीतिक रूप से बड़ा नुकसान हो रहा है।

2 नवंबर को अजय चौटाला के तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद पार्टी सुप्रीमो बनाएंगे नई रणनीति

पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने  दुष्यंत-दिग्विजय के निष्कासन पर रिपोर्ट तैयार करने का जिम्मा  अनुशासन समिति को सौंपा तब मान लिया गया था कि 25 अक्टूबर को इनका निष्कासन तय है। वह 18 अक्टूबर तक पैराल पर थे और इसके बाद 25 अक्टूबर को फिर इलाज के लिए तिहाड़ जेल से लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती हैं।

जेल से बाहर आने के सात दिन बाद भी चौटाला ने अनुशासन समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है। समझा जा रहा है कि चौटाला अब ठंडे पड़ गए हैं। इसके पीछे बड़ी बहू और पार्टी की विधायक नैना चौटाला का सख्त रवैया भी माना जा रहा है। नैना पूरे प्रदेश में अपने हरी चुनरी चौपाल कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं के बीच जाकर हाथ उठवाकर अपने बेटों का समर्थन करा रही हैं। मां-बेटों की तिकड़ी अब पिता की अनुपस्थिति में अकेले पार्टी चला रहे अभय सिंह चौटाला पर भी भारी पड़ रही है।

--------

अभय की चौटाला से मुलाकात में बनी है नई रणनीति

अभय सिंह चौटाला मंगलवार को लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में ओमप्रकाश चौटाला से मिले। सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि अभय ने अनुशासन समिति की रिपोर्ट चौटाला को दे दी है। तकनीकी दिक्कत भी आ रही है। जब चौटाला से उनके दस गिने-च़ुने परिजनों के अलावा कोई बाहर का व्यक्ति अस्पताल में नहीं मिल सकता तो फिर समिति की रिपोर्ट पर उनका फैसला कैसे आ सकता है।

समिति में परिवार का कोई सदस्य शामिल नहीं है। ऐसे में सवाल उठेंगे। सूत्र बताते हैं कि अभय और ओमप्रकाश चौटाला के बीच नई रणनीति बनी है। इसका रहस्योद्घाटन 2 नवंबर के बाद ही होगा जब चौटाला खुद जेल चले जाएंगे और उनके बड़े पुत्र अजय सिंह चौटाला जेल से पैरोल पर बाहर आएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.