मुख्यमंत्री ममता ने कहा- बंगाल में लागू नहीं होने देंगे एनआरसी
आज बंगाल को अशांत करने के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और सूबे के विभाजन की बात की जा रही है। बंगाल का न तो विभाजन होगा और न ही यहां एनआरसी लागू होने देंगे।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। आज बंगाल को अशांत करने के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और सूबे के विभाजन की बात की जा रही है। बंगाल का न तो विभाजन होगा और न ही यहां एनआरसी लागू होने देंगे। जरूरत पड़ी तो प्रत्येक नागरिक की सरकार पहरेदार बनेगी।
उत्तर बंगाल के पांच दिवसीय दौरे पर सिलीगुड़ी पहुंची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट द्वारा आयोजित विजया सम्मेलन में ये बातें कही। उन्होंने आगे कहा कि बंगाल अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए देश ही नहीं, पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त करता आया है। बंगाल में शांति और समृद्धि की यही पहचान है कि नासा से भाषा तक देश में सबसे ज्यादा बंगाल ने नाम रोशन किया है।
नोबल विजेताओं ने बंगाल का नाम बढ़ाया है। केंद्र सरकार और भाजपा का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री ने कहा कि जब असम में एनआरसी में नेपाली, बंगाली, हिंदीभाषी, राजवंशी और आदिवासियों की संख्या 13 लाख तक पहुंच गई तो कहा जा रहा है कि शीतकालीन सत्र में नागरिक संशोधन बिल पारित कराया जाएगा। इसके माध्यम से ऐसे लोग जो एनआरसी में आ गए हैं, वे छह साल के लिए विदेशी सूची में चले जाएं। ऐसा मेरे होते यहां नहीं हो पाएगा। बंगाल में न तो एनआरसी लागू होगा और न ही बंगाल से एक भी आदमी बाहर जाएगा। इसके लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। इसके लिए उनकी सरकार को जो बन पड़ेगा, वह करेगी।
एनआरसी की मंशा पालने वाले बंगाल में कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे। राज्य में मां-माटी- मानुष की सरकार आने के बाद उपेक्षित उत्तर बंगाल को पूरी तरह समृद्ध किया गया है। केंद्र पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा कि आज कई नीतियों के कारण देश में 40 प्रतिशत लोग बेरोजगार हुए हैं जबकि बंगाल ऐसा राज्य है, जिसने 40 प्रतिशत बेरोजगारी को दूर किया है।
यह संभव हो पाया है बंगाल में शांति और आपसी सद्भावना के कारण। प्रकृति के साथ यहां सभी जाति और धर्म के लोगों के बीच तालमेल है। यही कारण है कि राज्य सरकार सभी धर्म व वर्ग विशेष के पूजा-पर्व में सरकारी अवकाश देती आ रही है। अगर किसी पर्व के दौरान शनिवार या रविवार पड़ जाता है तो उसके लिए उसके अगले दिन छुट्टी दी जाती है। सरकार चाहती है कि राज्य के लोग खुशहाल व शांतिपूर्वक रहे।
एनआरसी के डर से बंगाल में एक और मौत
एनआरसी के डर से बंगाल में एक और मौत हो गई। ताजा घटना मालदा जिले की है। मृतक का नाम धीरू कुंडू (62) है। धीरू मुक्ति युद्ध के समय बांग्लादेश से भारत आए थे। धीरू के परिजनों के मुताबिक वे काफी दिनों से इस बात को लेकर परेशान थे कि बंगाल में एनआरसी लागू होने पर वे यहां रह पाएंगे या नहीं। इस वजह से वे ठीक से खाना-पीना भी नहीं कर रहे थे। सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। गौरतलब है कि एनआरसी के भय से अकेले उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट में ही अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है।