'किसानों के मुद्दों पर नहीं तो किस मुद्दे पर बुलाए विधानसभा का विशेष सत्र'
छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर किए सवाल किया तो भाजपा ने कांग्रेस पर तत्काल पलटवार किया।
रायपुर, नईदुनिया, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर किए सवाल किया तो भाजपा ने कांग्रेस पर तत्काल पलटवार किया। भाजपा ने कहा कि यह किसानों के प्रति कांग्रेस के नजरिए की असलियत को जाहिर करता है।
विधायक शिवरतन शर्मा ने सिंहदेव से सवाल किया कि किसानों के मुद्दे पर नहीं तो और किस मामले पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए? शर्मा ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता का यह सवाल दरअसल कांग्रेस की विध्वंसक व नकारात्मक राजनीतिक सोच को व्यक्त करता है।
नकारात्मक व विध्वंसक सोच की आदी कांग्रेस
कांग्रेस आज तक इसी नकारात्मक व विध्वंसक सोच के धरातल पर राजनीति करने की आदी रही है। यही कारण है कि पिछले 15 वर्षों में हुए रचनात्मक व विकासपरक कार्य कांग्रेस की सोच के दायरे में न तो दाखिल हो पा रहे हैं और न ही उन्हें ये अच्छे कार्य नजर आ रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. सिंह लोकतांत्रिक मर्यादा का पालन कर अपने कार्य में पूरी पारदर्शिता का परिचय देने में विश्वास करते हैं। भाजपा सरकार तात्कालिक राजनीतिक लाभ लेने और सिर्फ चुनाव जीतने के लिए योजनाएं नहीं बनाती, बल्कि पीढ़ियों तक उन योजनाओं का लाभ पहुंचाने की दृष्टि से काम कर रही है। यह लाभ मुकम्मल तौर पर वांछित वर्ग तक पूरी शिद्दत के साथ पहुंचे, इसलिए विधानसभा की मुहर लगाकर मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित कर रहे हैं।
सीएम पर नहीं, सिंहदेव ने किसानों पर कसा तंज
शर्मा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री पर जो तंज कसा है, वह वस्तुत: प्रदेश के उन सभी किसानों पर कसा गया तंज है, जिन्हें प्रदेश सरकार इस वर्ष 24 सौ करोड़ रुपये का बोनस धान खरीदी के साथ देने जा रही है। मॉनसून सत्र में इस विषय पर चर्चा हुई थी, लेकिन बाद में बोनस की राशि में हुए इजाफे से पड़ने वाले आर्थिक भार की पूर्ति के लिए अनुपूरक बजट प्रस्ताव लाकर उस पर विधानसभा की सहमति लेना मुख्यमंत्री और भाजपा की पारदर्शी सोच का परिचायक है।
सिंहदेव के तंज को सरकार उदारता के साथ सह लेगी लेकिन यह तंज वे अन्न्दाता माटी पुत्र किसान नहीं सहेंगे, जो अपना खून-पसीना बहाकर भी कांग्रेस के राज में अपने हक के आर्थिक लाभ से वंचित रखे जा रहे थे।