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West Bengal: बंगाल में शत्रु संपत्ति की पहली नीलामी की तैयारी में केंद्र

Enemy Property In Bengal. बंगाल में मौजूद 2764 शत्रु संपत्तियों के संरक्षक शत्रु संपत्ति कार्यालय ने कानूनी बाधाओं से मुक्त ऐसी संपत्तियों की एक सूची बनानी शुरू कर दी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 04:31 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 04:31 PM (IST)
West Bengal: बंगाल में शत्रु संपत्ति की पहली नीलामी की तैयारी में केंद्र
West Bengal: बंगाल में शत्रु संपत्ति की पहली नीलामी की तैयारी में केंद्र

कोलकाता, जागरण संवाददाता। Enemy Property In Bengal. केंद्र सरकार देश में मौजूद शत्रु संपत्तियों को बेचने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत बंगाल में शत्रु संपत्ति की पहली नीलामी की तैयारी है। बंगाल में मौजूद 2764 शत्रु संपत्तियों के संरक्षक शत्रु संपत्ति कार्यालय ने कानूनी बाधाओं से मुक्त ऐसी संपत्तियों की एक सूची बनानी शुरू कर दी है, जिसे पहले चरण में बेचा जा सके। दरअसल, शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत जो लोग बंटवारे या 1962 में चीन के साथ तथा 1965 एवं 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के बाद देश छोड़कर चले गए और वहां की नागरिकता ले ली थी, उनकी सारी अचल संपत्ति शत्रु संपत्ति घोषित कर दी गई है।

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2017 में केंद्र सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 और सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जेदारों की बेदखली) अधिनियम, 1971 में संशोधन किया था। इसमें यह तय किया गया था कि 1962, 1965 और 1971 के बाद भारत छोड़ने वालों के उत्तराधिकारी इन शत्रु संपत्तियों के स्वामित्व का दावा नहीं कर सकते हैं। जनवरी के आखिरी हफ्ते में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पूरे भारत में मौजूद 9400 से अधिक शत्रु संपत्तियों की नीलामी करने के लिए एक समिति तथा मंत्रियों के एक समूह के गठन का एलान किया था, जिससे सरकारी खजाने को लगभग एक लाख करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। इसके बाद भारत के लिए शत्रु संपत्ति के कस्टोडियन ने बंगाल में नीलाम होने वाली संपत्तियों का आकलन करने और बिक्री के लिए पहला लॉट रखने से पहले एक कानूनी रिपोर्ट तैयार करने पर काम शुरू किया। पिछले साल केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को जनता के उपयोग में लाने के लिए कुछ शत्रु संपत्तियों का इस्तेमाल करने की भी अनुमति दी थी।

भारत में शत्रु संपत्ति के कस्टोडियन एक अधिकारी ने कहा, पायलट प्रोजेक्ट में पहला कदम एक सपंत्ति को मुक्त करना और शत्रु संपत्ति अधिनियम की धारा 18 के तहत मुक्त करना है। उन्होंने कहा, विभाग का एक विंग संपत्तियों को कानूनी अवरोधों से मुक्त बनाने में व्यस्त है। अब तक बंगाल में ज्यादातर शत्रु संपत्तियों को कॉरपोरेट्स या लोगों को किराए पर दिया जाता है। यह किराया कस्टोडियन ऑफिस वसूलता है। संपत्तियों का रखरखाव कभी-कभी चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि किरायेदार संपत्ति की प्रकृति को बदल नहीं सकता है। अधिकारी ने बताया कि बंगाल में इन संपत्तियों का एक बड़ा हिस्सा मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में है। कोलकाता में कुछ प्रतिष्ठित इमारतें भी शत्रु संपत्ति में शामिल हैं, जिनका उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

उत्तर प्रदेश के बाद बंगाल में है सबसे ज्यादा शत्रु संपत्ति

जानकारी के मुताबिक, भारत में एक लाख करोड़ से अधिक कीमत के कुल 9406 शत्रु संपत्ति है। इनमें पाकिस्तानियों की 9280 संपत्ति एवं चीनी नागरिकों की 126 संपत्ति शामिल है, जो देश छोड़कर चले गए थे। पाकिस्तान की नागरिकता लेने वालों द्वारा छोड़ी गई संपत्ति में सबसे ज्यादा 4991 संपत्ति उत्तर प्रदेश में है। उसके बाद 2735 संपत्ति बंगाल में तथा 487 दिल्ली में है। वहीं, चीनी नागरिक सर्वाधिक 57 संपत्ति मेघालय में छोड़कर गए, वहीं बंगाल में ऐसी 29 संपत्ति तथा असम में सात संपत्ति है।

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