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अपने मंत्रियों को धमकी देने पर घिरे कैप्टन, विरोधियों समेत कांग्रेस नेताओं ने भी साधा निशाना

Lok Sabha Election 2019 में जीत के लिए अपने मंत्रियों को चेतावनी देने पर पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिदर सिंह विराेधियों के निशाने पर हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 08:50 AM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 08:50 AM (IST)
अपने मंत्रियों को धमकी देने पर घिरे कैप्टन, विरोधियों समेत कांग्रेस नेताओं ने भी साधा निशाना
अपने मंत्रियों को धमकी देने पर घिरे कैप्टन, विरोधियों समेत कांग्रेस नेताओं ने भी साधा निशाना

चंडीगढ़, जेएनएन। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्‍याशियों की जीत के लिए अपने ही मंत्रियों को अल्‍टीमेटम देने के कारण पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर विराेधियों के साथ-साथ अपनी पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। मंत्रियों को चुनाव में उनके क्षेत्र में कांग्रेस उम्‍मीदवारों की हार पर कैबिनेट से हटाने की धमकी देने पर  वह चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं।

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विरोधी दलों के नेता उन पर जमकर निशाना साध रहे हैं, वहीं उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्‍य प्रताप सिंह बाजवा ने भी उन्हें लपेटे में ले लिया है। बाजवा ने ट्विटर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को टैग करते हुए लिखा कि इसके लिए प्रदेश का नेतृत्व भी उतना ही जिम्मेदार होगा। उन्होंने कैप्टन के नेतृत्व पर भी सवाल उठाए।

इनके अलावा आम आदमी पार्टी व शिअद ने भी कैप्टन पर हमला किया है। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अब तो मुख्यमंत्री कैप्टन को भी अपनी कुर्सी गंवानी पड़ेगी, क्योंकि पटियाला से उनकी पत्नी भी हारने वाली है। बस, चुनाव के बाद कैप्टन अपने बयान से न मुकरें।

आम आदमी पार्टी की कैंपेन कमेटी के चेयरमैन अमन अरोड़ा ने तो कैप्टन से इस्तीफे की मांग कर डाली। उन्‍होंने कहा, अगर कांग्रेस सरकार ने दो साल में काम करवाए होते तो कैप्टन को धमकी ही नहीं देनी पड़ती। आप सांसद भगवंत मान ने भी कैप्‍टन की धमकी पर कटाक्ष किया। मान ने कहा, कैप्टन वोट के लिए अब अपने नेताओं को डराने-धमकाने भी लगे हैं।

बता दें कि बुधवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के मंत्रियों व विधायकों को चेतावनी दी थी कि अगर लोकसभा चुनाव में उनके क्षेत्र में पार्टी हारी तो मंत्रियों की कुर्सी जा सकती है। विधायकों की 2022 के विधानसभा चुनाव में भी टिकट कटेगी। उसके बाद से विरोधियों समेत उनकी पार्टी के नेताओं ने ही उन्हें घेर लिया।

बाजवा ने कहा-फिर तो दूसरों को अवसर मिलना चाहिए

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रताप सिंह बाजवा के रिश्ते की खटास जगजाहिर है। वीरवार को उन्होंने इस बात का तो स्वागत किया कि मिशन 13 के लिए मंत्रियों व विधायकों जिम्मेदार बनाया गया है, लेकिन साथ में यह भी कहा कि अगर हार होती है तो प्रदेश का नेतृत्व भी उतना ही जिम्मेदार होगा। बाजवा ने ट्वीट किया, या तो प्रदेश नेतृत्व अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करे या फिर दूसरों को अवसर दें। बाजवा ने सीधे-सीधे कैप्टन को घेरने की कोशिश की है कि अगर मिशन 13 पूरा नहीं होता है तो केवल मंत्री व विधायक ही नहीं बल्कि उनके और प्रदेश नेतृत्व पर भी सवाल उठेंगे।

मुकरें न कैप्टन, क्योंकि इस्तीफा उन्हें भी देना पड़ेगा : सुखबीर बादल

पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर ङ्क्षसह बादल ने कहा है कि कैप्टन अपने बयान पर कायम रहें कि जिस हलके से कांग्रेस प्रत्‍याशी का वोट कम होगा वहां के कैबिनेट मंत्री की छुट्टी होगी। वह अपने इस बयान को सख्ती से लागू करें और बाद में मुकरें न, क्योंकि पटियाला सीट से भी कैप्टन की हार होने वाली है।शिअद अध्यक्ष ने कहा, कैप्टन नूं मुख्यमंत्री तों वीं इस्तीफा देना पैणा। 

भगवंत मान द्वारा पटियाला, फिरोजपुर व बठिंडा सीट पर कांग्रेस और शिअद का मैच फिक्स होने के आरोप पर सुखबीर ने कहा कि वह उसकी बात नहीं करना चाहते, वह तो बौखला गए हैं। कोई उन्हें मुंह नहीं लगा रहा। सरकार की ओर से शिक्षा विभाग का तीन अरब रुपये न देने की बात पर सुखबीर ने कहा कि राज्य सरकार फेल हो चुकी है।

वादे निभाए होते तो धमकी न देनी पड़ती : अमन अरोड़ा

आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा है कि अगर कैप्टन सरकार ने 2017 विधानसभा चुनाव में लोगों से किए वादे निभाए होते तो उन्हें अपने ही विधायकों एवं मंत्रियों को लोकसभा चुनाव में उम्दा प्रदर्शन करने की धमकी न देनी पड़ती। जालंधर से आप प्रत्याशी पूर्व जस्टिस जोरा सिंह का नामांकन दाखिल करवाने के बाद मीडिया से मुखातिब मान ने कहा कि कांग्रेस सरकार बुरी तरह से फ्लॉप हुई है। हाथ में गुटका साहिब पकड़ कर कुछ दिनों में नशा खत्म कर देने का दावा करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह को विधायकों व मंत्रियों को धमकी देने की बजाय खुद अपने पद इस्तीफा दे देना चाहिए।


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